केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने रविवार को एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि कुछ शरारती तत्व 'नफरत' फैलाने के लिए पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के शरीर के अंगों की फर्जी तस्वीरें फैला रहे हैं. सीआरपीएफ ने लोगों से ऐसी किसी भी फोटो लाइक या आगे न बढ़ाने की अपील की. सीआरपीएफ ने ट्वीटर पर एक बयान जारी किया, जिसमें लिखा है, 'ऐसा पाया गया है कि कुछ शरारती तत्व नफरत फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर जवानों के शरीर के अंगो की तस्वीरें फैला रहे है. कृप्या इन तस्वारों को लाइक या आगे न बढ़ाएं.' इसके साथ ही ऐसे किसी भी पोस्ट/तस्वीरों को webpro@crpf.gov.in पर रिपोर्ट करने के लिए कहा है.
इसमें कहा गया, 'सीआरपीएफ हेल्पलाइन ने उत्पीड़न की शिकायतों की जांच की और इन्हें गलत पाया है. ये नफरत फैलाने की कोशिश है. बता दें कि जम्मू -कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमला किया. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए. पुलवामा जिले में आतंकी ने श्रीनगर-जम्मू हाई-वे पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकराकर उसमें विस्फोट कर दिया.
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धमाका इतना जबरदस्त था कि बस के परखच्चे उड़ गए और आस पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखेर गए. जैश ए मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था.
Source : News Nation Bureau