ड्यूटी पर लौटे सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता, आतंकी मुठभेड़ में लगी थीं 9 गोलियां

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में करीब एक साल पहले बुरी तरह घायल हुए CRPF कमांडेंट चेतना चीता ने वापस ड्यूटी ज्वाइन कर ली है।

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में करीब एक साल पहले बुरी तरह घायल हुए CRPF कमांडेंट चेतना चीता ने वापस ड्यूटी ज्वाइन कर ली है।

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vineet kumar1
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ड्यूटी पर लौटे सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता, आतंकी मुठभेड़ में लगी थीं 9 गोलियां

फाइल फोटो

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में करीब एक साल पहले बुरी तरह घायल हुए CRPF कमांडेंट चेतना चीता ने वापस ड्यूटी ज्वाइन कर ली है। चेतन चीता ने दिल्ली स्थित CRPF हेडक्वार्टर में ड्यूटी संभाली है।

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ड्यूटी पर लौटने के बाद चेतन चीता ने कहा, 'मैं काम पर लौटकर काफी खुश हूं। इस वर्दी के बिना मेरी जिंदगी अधूरी है।'

गौरतलब है कि 14 फरवरी 2017 को आतंकियों के साथ मुठभेड़ में CRPF कमांडेंट को 9 गोलियां लगी थीं।

चेतन चीता के पेट, हाथ, हिप्स, आंख और दिमाग समेत कई अंगों में लगी थीं। वो लगभग डेढ़ महीने तक कोमा में रहे थे, जिसके बाद उनको होश आया। उनका जिंदा वापस जाना किसी चमत्कार से कम नहीं है।

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आपको बता दें कि सेनाध्यक्ष और गृह मंत्री समेत पूरे देश ने चेतन चीता की जांबाजी की सराहना की थी। ड्यूटी पर लौटने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर चेतन चीता ने कहा कि वहां की स्थिति संभलने में कुछ वक्त लगेगा।

उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों के हाथ में जो कुछ है, वो कर रहे हैं। कश्मीर मसले के हल के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति बहुत जरूरी है। 

CRPF की 45वीं बटालियन के कमांडेंट चेतन चीता ने अपनी टीम के साथ आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए उनके मंसूबे को नाकाम कर दिया था।

उनके इस कारनामे के लिए चेतन चीता को स्वतंत्रता दिवस के दिन दूसरे सबसे बड़े वीरता पदक 'कीर्ति चक्र' से सम्मानित किया गया।

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Source : News Nation Bureau

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