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DMK ने राज्यपाल से सदन में तुरंत बहुमत परीक्षण कराने की मांग की, मजबूत हुआ दिनाकरन गुट

डीएमके (द्रमुक) की अगुवाई वाले विपक्ष ने रविवार को तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुख्यमंत्री के पलनीस्वामी को विधानसभा में तत्काल बहुमत साबित करने का आदेश दिए जाने की अपील की है।

Updated on: 28 Aug 2017, 12:10 AM

highlights

  • DMK ने राज्यपाल से सदन में तुरंत बहुमत परीक्षण कराने की मांग की
  • अन्नाद्रमुक के बागी दिनाकरन गुट के 19 विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद गहराया संकट

नई दिल्ली:

डीएमके (द्रमुक) की अगुवाई वाले विपक्ष ने रविवार को तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुख्यमंत्री के पलनीस्वामी को विधानसभा में तत्काल बहुमत साबित करने का आदेश दिए जाने की मांग की है।

द्रमुक ने ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (एआईएडीएमके) के बागी दिनाकरन गुट के 19 विधायकों के सरकार के समर्थन वापस लेने के बाद यह अपील की है। हालांकि श्रीविल्लीपुथुर के विधायक के दिनाकरन गुट में शामिल होने के बाद बागी विधायकों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है।

गौरतलब है कि एआईएडीएमके (अन्नाद्रमुक) के दो गुटों द्वारा जेल में बंद पार्टी महासचिव वी के शशिकला व उनके भतीजे टी टी वी दिनाकरन को दरकिनार कर विलय करने के एक हफ्ते बाद ही सरकार के वजूद को लेकर संकट खड़ा हो गया है।

एआईएडीएमके के तीसरे गुट की अगुवाई दिनाकरन कर रहे हैं। दिनाकरन के साथ 19 विधायक हैं। इन विधायकों ने इस हफ्ते की शुरुआत में राज्यपाल से मुलाकात की थी और मुख्यमंत्री को हटाए जाने की मांग की थी। विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने उनका विश्वास खो दिया है।

डीएमके के विधानसभा में उपनेता दुरई मुरुगन ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्हें तुरंत सदन में बहुमत परीक्षण का आदेश देना चाहिए, क्योंकि पलनीस्वामी सरकार एआईएडीएमके के बागी विधायकों के समर्थन वापस लेने से अल्पमत में आ चुकी है। उन्होंने कहा कि अब बागी विधायकों की संख्या 22 हो गई है।

स्वामी का दावा, स्टालिन और दिनाकरन मिलकर बनाएंगे सरकार

उन्होंने कहा, 'हमने राज्यपाल से कहा कि जब ओ पन्नीरसेल्वम ने अपने 9 विधायकों का समर्थन फरवरी में वापस ले लिया तो आपने तुरंत विश्वास मत परीक्षण का आदेश दे दिया था। अब मौजूदा 233 के सदन में सरकार के विरोधियों की संख्या बढ़कर 120 हो गई है। इसमें डीएमके (89) और सहयोगी कांग्रेस (8) व मुस्लिम लीग (1) शामिल हैं।'

सामान्य बहुमत के लिए सत्तारूढ़ एआईएडीएमके को 117 विधायकों के समर्थन की जरूरत है और विपक्ष का कहना है कि यह संख्या 113 हो गई है।

मुरुगन ने कहा कि राज्यपाल ने उन लोगों से कहा कि वह राज्य के राजनीतिक घटनाक्रम से परिचित हैं और अब चूंकि डीएमके ने पत्र सौंपा है तो वह कानून के हिसाब से फैसला लेंगे।

इस बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी सांसद) सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर तमिलनाडु में नई द्रमुक के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का दावा किया है।

स्वामी ने कहा, 'स्टालिन और टीटीवीडी (दिनाकरन) अगले कुछ दिनों में तमिलनाडु में नई सरकार बनाएंगे।'

स्वामी का यह ट्वीट ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (एआईएडीएमके) के बागी दिनाकरन गुट के 19 विधायकों के सरकार के समर्थन वापस लेने के बाद किया है। हालांकि श्रीविल्लीपुथुर के विधायक के दिनाकरन गुट में शामिल होने के बाद बागी विधायकों की संख्या बढ़कर 23 हो गई है।

हालांकि द्रमुक के प्रवक्ता ए सरावनन ने स्वामी के बयान को खारिज करते हुए कहा, 'मुझे नहीं लगता कि पार्टी टीटीवी दिनाकरन के साथ सरकार बनाने के लिए इच्छुक है। हमने राज्यपाल ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराए जाने की मांग की है। लेकिन पता नहीं वह ऐसा क्यों नहीं कर रहे हैं?'

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