बिहार में बैंक लूट, सीएसपी लूट की घटनाएं थम नहीं रही हैं। आए दिन ऐसी घटनाएं सानने आती हैं। कई घटनाओं का पुलिस खुलासा भी करती और कई मामलों में बरादमगी भी होती है। लेकिन, इन लूटपाट की घटनाओं से न पुलिस प्रशासन सबक लेता है और न बैंक प्रशासन।
कुछ दिनों की घटनाओं पर गौर करें तो राज्य में आए दिन बैंक लूट की घटनाएं सामने आती है। मंगलवार को मुजफ्फरपुर के मीनापुर थाना क्षेत्र के गोरीगामा स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में लुटेरे घुसे और चौकीदार समेत सभी को गन पॉइंट पर ले लिया। इसके बाद अपराधियों ने मैनेजर को हथियार के बल पर कब्जे में लेकर 9.43 लाख रुपए लूटकर चलते बने।
इस घटना के एक दिन पहले यानी सोमवार को लुटेरों ने नालंदा जिले के एक बैंक को निशाना बनाया। नगरनौसा थाना इलाके के रामघाट के पास स्थित दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक में करीब 6 बदमाश हथियार के साथ दाखिल हुए। बदमाशों ने हथियार के बल पर 11 लाख 63 हजार रुपये लूट लिए और फरार हो गए।
इससे पहले 22 जून को शिवहर के पिपराही थाना क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा अंबा कला में बैंक खुलते ही 27.50 लाख रुपये लूट लिए गए। इसी दिन, पूर्वी चंपारण जिले में अपराधियों ने दिनदहाड़े डुमरियाघाट थाना के सरोतर बाजार स्थित आईसीआईसीआई बैंक शाखा से 18 लाख 71 हजार रुपये लूट लिए थे। गार्ड, बैंक कर्मियों व ग्राहकों को कब्जे में लेकर छह मिनट में घटना को अंजाम देकर अपराधी फरार हो गए।
इन घटनाओं पर गौर करें तो साफ है कि बैंकों में सुरक्षा को लेकर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है।
एक पुलिस अधिकारी भी कहते हैं कि अधिकांश बैंकों में सुरक्षा के नाम पर होमगार्ड जवान और चौकीदार तैनात हैं। कई बैंकों के पास अपनी सुरक्षा के कोई उपाय नहीं हैं । ऐसे में पुलिस सुरक्षा उपलब्ध करा रही है। लुटेरे इसका लाभ उठाते हुए अपना सॉफ्ट टारगेट बैंक को बना रहे हैं।
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Source : IANS