2020 में रेप के रोजाना 77 केस, राजस्थान में सबसे ज्यादा शर्मनाक अपराध
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के मुताबिक साल 2020 में बलात्कार के 28,046 मामले दर्ज हुए.
highlights
- एनसीबी ने 2020 में हुए अपराध को लेकर आंकड़ा जारी किया
- साल 2020 में बलात्कार के 28,046 मामले दर्ज हुए
- राजस्थान में दुष्कर्म के सबसे अधिक 5310 मामले सामने आए
नई दिल्ली :
महिलाओं पर अत्याचार की कहानी खत्म होने की बजाय बढ़ती ही जा रही है. साल 2020 में भी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटना कम होने की बजाय बढ़ती ही गई. रोजाना रेप के 77 मामले दर्ज हुए. राजस्थान नंबर वन पर है जहां महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा रेप की घटनाएं हुई हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (National Crime Records Bureau) के मुताबिक साल 2020 में बलात्कार के 28,046 मामले दर्ज हुए. महिलाओं के साथ रेप की बात करें तो पूरे देश में पिछले साल (2020) 3,72,503 मामले दर्ज किए गए जबकि 2019 में इसकी संख्या 4,05,326 और 2018 में 3,78,236 मामले सामने आए थे. महिलाओं के खिलाफ हिंसा में बड़ी संख्या में दुष्कर्म के मामले सामने आए. 2020 में दुष्कर्म के कुल 28,046 मामले दर्ज हुए और 28,153 महिलाएं अपराधियों की शिकार बनीं.
2020 में रेप के मामले में थोड़ी कमी
इन पीड़ितों में 25,498 वयस्क, जबकि 2,655 पीड़ित 18 साल से कम उम्र की थीं. 2019 में दुष्कर्म के कुल 32,033 मामले, 2018 में 33,356 मामले और 2017 में 32,559 मामले दर्ज हुए थे. यानी 2020 में रेप के मामले में थोड़ी से कमी दर्ज की गई. कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से रेप केस में कमी देखने को मिली है.
राजस्थान में सबसे ज्यादा रेप केस
राजस्थान में सबसे ज्यादा महिलाओं के साथ रेप की घटना हुई है. राजस्थान में दुष्कर्म के सबसे अधिक 5310 मामले सामने आए. इसके बाद दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है, जहां 2769 मामले दर्ज कए गए. वहीं महाराष्ट्र तीसरे नंबर हैं. यहां 2061 रेप के केस सामने आए. चौथे नंबर पर असम जहां रेप के 1657 मामले सामने आए.
इन महानगरों में हुए महिलाओं के साथ सबसे ज्यादा शर्मनाक हरकत
एनसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 19 महानगरीय शहरों में, दिल्ली ने 2020 में महिलाओं के खिलाफ सबसे अधिक अपराध (9782) दर्ज किए. इसके बाद मुंबई (4,583), बेंगलुरु (2730), और लखनऊ (2636) के सामने आए.
साल 2020 में कुल 66,01,285 अपराध हुए दर्ज
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ओर से 'क्राइम इन इंडिया 2020' नाम से जारी की गई रिपोर्ट के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में कुल 66,01,285 अपराध दर्ज किए गए. इनमें से 42,54,356 मामले आईपीसी के तहत और 23,46,929 केस स्पेशल एंड लोकल लॉ (एसएलएल) के तहत दर्ज किए गए.
ये आंकड़े दिखाते हैं कि 2019 के मुकाबले 2020 में अपराधों में 28 फीसदी (14,45,127 मामले) की बढ़ोतरी दर्ज की गई. 2019 में 51,56,158 मामले दर्ज किए गए थे. 2020 में प्रति लाख अपराधों की संख्या 385.5 से बढ़कर 487.8 पहुंच गई.
सबसे ज्यादा अपराध नियम नहीं मानने के आए सामने
एनसीबी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से कुछ अपराध में गिरावट दर्ज की गई. रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से अधिकतर अपराध सरकारी आदेशों को न मानने से जुड़े हैं. 2019 में आईपीसी के तहत दर्ज मामलों की संख्या जहां 29,469 थी, वहीं 2020 में ये 6,12,179 पर पहुंच गई. इसी तरह एसएलएल के तहत दर्ज मामले 2019 में 2,52,268 के मुकाबले 2020 में 10,62,399 पर पहुंच गई.
मनुष्य को नुकसान पहुंचाने वाले 10,47,216 मामले दर्ज किए गए
एनसीबी रिपोर्ट की माने तो 2020 में मनुष्य को नुकसान पहुंचाने वाले 10,47,216 मामले दर्ज किए गए जो आईपीसी के तहत दर्ज केसों का कुल 24.6 फीसदी है.. इनमें से चोट पहुंचाने वाले 5,78,641 (55.3 प्रतिशत) मामले रहे जबकि लापरवाही से मौत के 1,26,779 (12.1प्रतिशथ) मामले रहे. महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 85,392 (8.2 प्रतिशत) मामले दर्ज किए गए.
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