रविवार को हैदराबाद में हुई मीटिंग के दौरान मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) ने सीताराम येचुरी को एक बार फिर से अपना महासचिव चुन लिया है।
महासचिव बनने के बाद सीताराम येचुरी ने कहा,'कांग्रेस के साथ सीपीएम का कोई राजनीतिक गठबंधन नहीं होगा। हालांकि सांप्रदायिकता रोकने के लिए संसद के भीतर और बाहर 'तालमेल' बना रहेगा।'
उन्होंने कहा कि सीपीएम सत्ताधारी बीजेपी को मात देने के लिए लोगों को जोड़कर संघर्ष मजबूत करेगी।
येचुरी ने कहा, 'यह पार्टी कांग्रेस एकता के लिए थी। हम लोगों के संघर्ष को मजबूत करके आगे बढ़ेंगे। वामपंथ की वैकल्पिक नीतियों के आधार पर यह लड़ाई लड़ी जाएगी. हमें भाजपा को हराना है यह हमारा पहला काम है।'
गौरतलब है कि सीताराम येचुरी 19 अप्रैल 2015 को प्रकाश करात की जगह पार्टी के महासचिव चुने गए थे। उनका यह कार्यकाल इस महीने पूरा हो गया था।
सीपीएम में येचुरी उदारवादी सोच रखने वाले नेता के तौर पर जाने जाते हैं। हालांकि देश में सीपीएम की हालत बेहद खराब है और सिर्फ एक दक्षिणी राज्य केरल में ही उनकी सरकार है।
यह भी पढ़ें: महाराष्ट्र: गढ़चिरौली में पुलिस मुठभेड़ में नक्सली नेता साईनाथ समेत 16 नक्सली ढेर
Source : News Nation Bureau