विपक्षी दलों की शिकायत के बाद चुनाव आयोग (ईसी) की तरफ से कराए गए हैकेथॉन में राजनीतिक दलों की हार होती दिखाई दे रही है।आयोग की खुली चुनौती के बाद कोई भी दल ईवीएम को हैक किए जाने का दावा साबित नहीं कर पाया है।
हैकेथॉन में शामिल महज दो दलों राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भी खुद को अलग कर लिया है। अब आयोग की हैकिंग की चुनौती में कोई दल भाग नहीं ले रहा है।
उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दलों ने ईवीएम हैकिंग को लेकर सवाल उठाए थे, जिसके बाद चुनाव आयोग ने तीन जून को देश के सभी राजनीतिक दलों को हैंकिंग की चुनौती दी थी।
सुबह 10 बजे शुरू हुए इस हैकेथॉन में आयोग ने कुल 14 ईवीएम को चैलेंज के लिए रखा था। हैकिंग की चनौती को स्वीकार करते हुए सीपीएम और एनसीपी के प्रतिनिधि वहां पर पहुंचे थे लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्होंने इस प्रक्रिया में भाग लेने से मना कर दिया।
हैकेथॉन से ठीक पहले उत्तराखंड हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर इसे रोके जाने की मांग की गई थी, हालांकि कोर्ट ने इस पीआईएल को सीधे-सीधे खारिज कर दिया था।
और पढ़ें: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने EVM हैकेथॉन के खिलाफ दायर याचिका की खारिज, अब तय समय पर होगा टेस्ट
वहीं दिल्ली विधानसभा चुनाव में हैकिंग का लाइव डेमो देकर सनसनी मचा चुकी आम आदमी पार्टी ने पहले ही इस हैकेथॉन से खुद को अलग कर लिया था।
हालांकि विधानसभा में ईवीएम से मिलती-जुलती मशीन पर लाइव हैकिंग का डेमो देने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि वह महज 90 सेकेंड के भीतर ईवीएम के मदरबोर्ड को बदलते हुए इसे हैक कर सकते हैं।
और पढ़ें: चुनाव आयोग ने AAP के आरोपों को किया खारिज, कहा- हैकेथॉन नहीं, ईवीएम चुनौती का वादा किया
HIGHLIGHTS
- हैकेथॉन में शामिल महज दो दलों एनसीपी माकपा ने भी खुद को अलग कर लिया है
- अब आयोग की हैकिंग की चुनौती में कोई दल भाग नहीं ले रहा है
- आम आदमी पार्टी पहले ही इस हैकेथॉन से दूरी बना चुकी है
Source : News Nation Bureau