CPI के राज्यसभा सांसद एलाराम करीम ने रक्षा मंत्री को लिखा पत्र, जानें क्या कहा
सीपीआई(एम) के राज्यसभा सांसद एलाराम करीम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है. उन्होंने रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 को तत्काल वापस लेने की मांग की है.
highlights
- राज्यसभा सांसद एलाराम करीम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा
- रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 को तत्काल वापस लेने की मांग की
- रक्षा संबंधी कर्मियों के हड़ताल करने पर रोक लगाने वाला अध्यादेश जारी
नई दिल्ली:
सीपीआई(एम) के राज्यसभा सांसद एलाराम करीम ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखा है. उन्होंने रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 को तत्काल वापस लेने की मांग की है. दरअसल, रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल के खिलाफ सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों के विरुद्ध अध्यादेश जारी किया है. इसके तहत कर्मचारियों को अचानक से काम बंद करना महंगा पड़ेगा. यहां तक कि उन्हें जेल भी जाना पड़ेगा. यह अध्यादेश रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल एवं किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है. आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) से जुड़े कई बड़े संघों ने हाल ही में सरकार के ओएफबी को निगम बनाने के फैसले के खिलाफ अगले महीने से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी, जिसको देखते हुए आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 लाया गया है.
दरअसल, जून में सरकार ने नीतिगत सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए करीब 200 साल पुराने आयुध निर्माण बोर्ड (OFB) के पुनर्गठन के लंबित प्रस्ताव को मंजूरी दी है. इसके तहत बोर्ड को अलग-अलग कंपनियों में बदला जाएगा, ताकि काम के प्रति जवाबदेही बढ़े. बोर्ड के पास इस समय हथियार और गोला-बारूद बनाने के 41 कारखाने हैं.
सरकार ने बुधवार को एक अध्यादेश जारी किया, जोकि रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं में शामिल कर्मियों के हड़ताल एवं किसी भी तरह के विरोध-प्रदर्शन करने पर रोक लगाता है. आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) से जुड़े कई बड़े संघों ने हाल ही में सरकार के ओएफबी को निगम बनाने के फैसले के खिलाफ अगले महीने से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी, जिसको देखते हुए आवश्यक रक्षा सेवा अध्यादेश, 2021 लाया गया है.
एक राजपत्रित अधिसूचना के मुताबिक, रक्षा उपकरण के उत्पादन, सेवा और संचालन में शामिल कर्मचारी या सेना से जुड़े किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान के उत्पादन में शामिल कर्मचारियों के साथ ही रक्षा उत्पादों की मरम्मत और रखरखाव में कार्यरत कर्मचारी अध्यादेश के दायरे में आएंगे. कानून मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति जोकि हड़ताल शुरू करता है या ऐसी किसी भी हड़ताल में भाग लेता है जोकि इस अध्यादेश के अंतर्गत गैर-कानूनी है तो उसे एक वर्ष की अवधि तक की जेल या 10000 रुपये जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है.
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