सरकार ने मंगलवार को संसद को बताया कि भाकपा (माओवादी) झारखंड और छत्तीसगढ़ में बच्चों को शामिल कर रही है और खाना पकाने, दैनिक उपयोग की सामग्री ले जाने के अलावा उन्हें सैन्य प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल कर रही है।
सांसद विष्णु दयाल राम को एक लिखित जवाब में, राज्यमंत्री (गृह मामलों) नित्यानंद राय ने कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में सीपीआई (माओवादी) द्वारा बच्चों को संगठन में शामिल करने की कुछ खबरें आई हैं।
उन्होंने कहा कि वे खाना पकाने, दैनिक उपयोग की सामग्री ले जाने और सुरक्षा बलों की आवाजाही पर जानकारी एकत्र करने के लिए उनका उपयोग कर रहे हैं।
मंत्री ने कहा, उन्हें सैन्य प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने ऐसे बच्चों के पुनर्वास के लिए कोई योजना या कार्यक्रम लागू किया है, उन्होंने कहा कि संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था के विषय राज्य सरकारों के पास हैं। इसलिए, राज्य सरकारें ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई करती हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक केंद्र सरकार का सवाल है, उसने कानून का उल्लंघन करने वाले बच्चों (सीसीएल) और जरूरतमंद बच्चों सहित संकट की स्थिति में बच्चों के लिए किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 (जेजे एक्ट) व जरूरतमंद बच्चों की देखभाल और संरक्षण (सीएनसीपी) बनाया है।
जेजे अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, एक बच्चा जो किसी सशस्त्र संघर्ष, नागरिक अशांति या प्राकृतिक आपदा से पीड़ित या प्रभावित होता है, उसे देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चे के रूप में शामिल किया जाता है।
अधिनियम ने बच्चों के सर्वोत्तम हितों की रक्षा के लिए संस्थागत और गैर संस्थागत देखभाल तंत्र सहित सेवा वितरण संरचनाओं का एक सुरक्षा जाल अनिवार्य किया।
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Source : IANS