सीपीईसी की वजह से चीन के 'बेल्ट एंड रोड फोरम' से दूर रहेगा भारत

पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव तथा म्यांमार के शीर्ष नेतृत्व शामिल होने जा रहे हैं।

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
सीपीईसी की वजह से चीन के 'बेल्ट एंड रोड फोरम' से दूर रहेगा भारत

बीजिंग में रविवार को आयोजित होने वाले चीन के मेगा बेल्ट एंड रोड फोरम में भारत के हिस्सा न लेने की संभावना है, क्योंकि नई दिल्ली ने इसमें शिरकत करने का अभी तक कोई संकेत नहीं दिया है। 

Advertisment

भारतीय विदेश मंत्रालय के जारी किये गए बयान में कहा गया है, 'हम चीन से पहले भी कहते रहे हैं कि सीपीईसी पर काम शुरु करने से पहले सकारात्मक बातचीत की जाए। आज भी हम चीन से सकारात्मक बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं।' 

बयान में कहा गया है, 'तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भारत के रुख से अच्छी तरह वाकिफ है। कोई भी देश किसी ऐसी परियोजना को स्वीकार नहीं कर सकता, जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की उसकी प्रमुख चिंताओं को नजरअंदाज करता हो।'

इस फोरम में भारत के हिस्सा न लेने की संभावना है, जबकि उसके पड़ोसी देश इसमें शिरकत कर रहे हैं। पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव तथा म्यांमार के शीर्ष नेतृत्व शामिल होने जा रहे हैं, जबकि बांग्लादेश तथा नेपाल अपना उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेज रहे हैं।

नेपाल ने शुक्रवार को सीमा पार संपर्क के विकास को लेकर ओबीओआर पर चीन के साथ एक औपचारिक समझौता किया।

चीन के 'वन बेल्ट वन रोड' में शामिल हुआ नेपाल और अमेरिका, चिंतित हुआ भारत

अपनी आपत्तियों के मद्देनजर भारत ओबीओआर सम्मेलन में हिस्सा लेने का अनिच्छुक है। चीन की महत्वकांक्षी 46 अरब डॉलर लागत वाली यह चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर स्थित गिलगित बाल्टिस्तान से होकर गुजरती है, जिस पर भारत अपना दावा जताता है। 

एक सूत्र ने कहा कि फोरम में भारत के किसी प्रतिनिधि के हिस्सा न लेने की संभावना है। भारतीय दूतावास को किए गए फोन कॉल का किसी ने जवाब नहीं दिया।

ये भी पढ़ें: चुनाव आयोग ने कहा- सभी चुनावों में होगा VVPAT का इस्तेमाल, लेकिन केजरीवाल का सवाल हैकेथॉन से पीछे क्यों हटे

शुक्रवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा था कि भारतीय प्रतिनिधि बैठक में हिस्सा लेने आ रहे हैं। 

चीन की महत्वाकांक्षी ओबीओआर परियोजना एशिया, यूरोप तथा अफ्रीका को राजमार्गो, रेल तथा जहाजों से जोड़ता है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा 29 देशों के नेता कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पहले ही अपने चार मुख्यमंत्रियों के साथ चीन पहुंच चुके हैं, जबकि श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे भी फोरम में शिरकत कर रहे हैं। 

अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया तथा फ्रांस जैसे देशों ने भी बैठक में अपने प्रतिनिधियों को भेजने का फैसला किया है।

IANS इनपुट के साथ।

ये भी पढ़ें: 100 देशों में सायबर हमले से हड़कंप, भारतीय कंप्यूटर सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित

आईपीएल 10 से जुड़ी हर बड़ी खबर के लिए यहां क्लिक करें

मनोरंजन की खबर के लिए यहां क्लिक करें

Source : News Nation Bureau

CPEC OBOR INDIA one belt one road
      
Advertisment