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Coronavirus: क्या दोबोरा कोरोना की लहर का खतरा? यूपी के कई शहरों के लिए अलर्ट जारी

ओमीक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ-7 ने पूरी दुनिया पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है. विश्व के कई देश इस वेरिएंट से परेशान हैं. चीन में कोरोना के सब वेरिएंट के मामले तेजी से फैल रहे हैं.

Updated on: 22 Dec 2022, 02:36 PM

नई दिल्ली:

ओमीक्रोन के सब वेरिएंट बीएफ-7 (bf.7 coronavirus) ने पूरी दुनिया पर कहर बरपाना शुरू कर दिया है. विश्व के कई देश इस वेरिएंट से परेशान हैं. चीन में कोरोना के सब वेरिएंट के मामले में तेजी से फैल रहे हैं. यहां हालात बेहद खराब हैं. वहीं अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन, जापान में मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच यूपी सरकार ने कानपुर, झांसी, मथुरा, मुरादाबाद, अमेठी, पीलीभीत और आगरा जैसे जिलों में कोरोना की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया है. इसके साथ अस्पतालों में इलाज की व्यवस्थाओं को बेहतर किया गया है. चिकित्सकों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. राज्य में बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग और जांच के आदेश दिए गए हैं. 

यूपी की राजधानी में अलर्ट जारी किया गया है कि सभी अस्पतालों में कोरोना वायरस के लक्षण के मरीजों की जांच तत्काल प्रभाव से करें. उन्हें तत्काल आइसोलेट किया जाए. अस्पतालों में पीपीई किट की व्यवस्था और मास्क अनिवार्य करने को कहा गया है. 

जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जानी जरूरी है

सीएमओ डॉ मनोज अग्रवाल के प्रवक्ता के अनुसार, लखनऊ में कोरोना वायरस के दो मामले हैं. इनका इलाज जारी है. इसके साथ उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जो एडवाइजरी दी गई है, इसमें कहा गया है कि पॉजिटिव मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जानी जरूरी है. अस्पतालों में जांच और इलाज के सही इंतजाम किए हों. इस एडवाइजरी के अनुसार, सारे दिशा-निर्देश अस्पतालों को दे दिए हैं. इसके साथ लखनऊ के एयरपोर्ट पर सतर्कता को बढ़ा दिया गया है. संक्रमण से प्रभावित होने वाले देशों से यहां पर आने वाले लोगों की जांच की जाएगी. 

चीन जैसे हालात नहीं होने वाले:  रणदीप गुलेरिया

हालांकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के पूर्व डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि भले ही चीन में कोरोना के मामले ज्यादा बढ़ रहे हों, मगर भारत में प्राकृतिक इंफेक्शन और वैक्सीन कवरेज ज्यादा होने के कारण चीन जैसे हालात नहीं होने वाले हैं. डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि भारत में टेस्टिंग में कमी देखी गई है. सर्दियों के वक्त अक्सर लोग सर्दी, जुकाम या बुखार का टेस्ट नहीं कराते हैं. अगर इस तरह के टेस्ट होते रहते हैं तो म्यूटेशन की जानकारी मिलती रहेगी.