COVID-19 New Jn.1 Variant: कोविड के नए वैरिएंट Jn.1 पर क्या बोले डॉ. रणदीप गुलेरिया? ये दी सलाह
एम्स पूर्व निदेशक और मेदांता के वर्तमान निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने लोगों से इस वायरस को लेकर सतर्क रहने कहा. भीड़भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की अपील की.
नई दिल्ली:
देश में कोरोना वायरस एक बार फिर से विकराल रूप ले रहा है. बीते कुछ दिनों में देश में कई जगहों पर कोरोना मामले मिले हैं. सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और नियमों का पालन करने को कहा है. इस बीच एम्स के पूर्व निदेशक और मेदांता के वर्तमान चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि नया कोविड वैरिएंट JN.1 तेजी से उभर रहा है. यह संक्रामक है. इसके साथ ये इम्यून सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है. मगर अच्छी बात यह है कि भले ही कोरोना के मामले बढ़े हैं, लेकिन मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने वाली स्थिति नहीं देखी जा रही है और न ही मौतों में कोई बढ़ोतरी हो रही है. यह एक माइल्ड वैरिएंट की तरह है.
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मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कोरोना के सक्रिय मामले 3 हजार से बढ़कर 3,420 हो चुके हैं. यह आंकड़े कोरोना के नए सब-वैरिएंट जेएन.1 के मामलों में हो रही बढ़ोतरी के बीच सामने आए हैं. इस दौरान कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन की चीफ साइंटिस्ट डॉ.सौम्या स्वामिनाथन ने बताया कि भारत के लोगों को बहुत डरने की जरूरत नहीं है. बस इस वायरस को लेकर सावधान रहना है.
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ साफ-सफाई बेहद अहम
कोरोना के नए वैरिएंट से बचने के लिए नियमों का पालन बहुत जरूरी है. इसके लिए मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ साफ-सफाई बेहद अहम है. स्वास्थ्य विभाग और WHO के अनुसार, फिलहाल पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है. इसके सावधान रहने की जरूरत है. आपको बता दें कि WHO ने बुधवार को कोरोना को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' के रूप में रखा है.
दूषित हवा वाले क्षेत्रों में मास्क पहनना जरूरी
गाइडलाइन में कहा गया है कि भीड़भाड़ वाले या बंद स्थान और दूषित हवा वाले क्षेत्रों में मास्क पहनना जरूरी है. सोशल डिस्टेंसिंग की आदत डालनी होगी. ऐसा करना जरूरी भी है. कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 के मरीज बढ़ने के बाद कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में एडवाइजरी जारी की गई है. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग ने गुरुवार को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा, अगर हल्की सर्दी, खांसी, बुखार, जुकाम और गले में खराश से पीड़ित मरीज वक्त पर चिकित्सकीय सलाह ले तो बीमारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है. एडवाइजरी में कहा गया कि अगर संक्रमण के लक्षण मिलते हैं तो पास के स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की सलाह लेकर कोविड-19 का परीक्षण कराना चाहिए. इसके साथ समय पर उपचार किया जाना चाहिए.
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