तो क्या चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में है मोदी सरकार, ये ट्वीट तो इसी ओर इशारा कर रहे हैं

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष, पेशे से डॉक्टर और लोकसभा में चीफ व्हिप डॉ संजय जायसवाल ने बायकॉट चीन का नारा दिया है

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष, पेशे से डॉक्टर और लोकसभा में चीफ व्हिप डॉ संजय जायसवाल ने बायकॉट चीन का नारा दिया है

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Aditi Sharma
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पीएम मोदी और शी जिनपिंग( Photo Credit : फाइल फोटो)

बिहार बीजेपी के अध्यक्ष, पेशे से डॉक्टर और लोकसभा में चीफ व्हिप डॉ संजय जायसवाल ने बायकॉट चीन का नारा दिया है. उन्होंने कहा है कि  कोविड19 का असली नाम Covid China Originated Viral Infectious Disease होना चाहिए. डॉ जयसवाल ने आरोप लगाया है कि
आज विश्व जो कुछ भी झेल रहा है वह चीन की बदमाशी का नतीजा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पूरा समर्थन करते हुये उन्होंने कहा है कि सही समय पर सचेत नहीं करने के लिए इसमें WHO की भूमिका की जांच होनी चाहिए. 

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सांसद और प्रदेश अध्यक्ष ने नौकरशाहों को भी खरी खोटी सुनाई है. उन्होंने कहा है कि भारत के कुछ नौकरशाह कोरोना वायरस से उपजे आर्थिक बोझ से निपटने के लिए बहुत ही घटिया राय दे रहे हैं. कोरोना की भारतीय उद्योगों पर भी भारी मार पड़ी है. लेकिन अब और ज्यादा टैक्स लगाना इसका समाधान नहीं होना चाहिए. मेरे ख्याल से सबसे आसान समाधान है कि जिस तरह माननीय प्रधानमंत्री जी ने रिन्यूएबल एनर्जी मे उसी टेक्नोलॉजी को छूट दी जो बिल्कुल नई और एफिशिएंट थी।भारत में निर्माण होने के बावजूद जो चीजें विदेश से आयत होती है, उस पर अलग से टैक्स लगा दिया गया. इससे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिला. आज जिस प्रकार पड़ोसी मुल्कों के साथ बिजनेस में पैसा लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा अलग से परमिशन की जरूरत होने संबंधी कानून लाया गया है. उसी प्रकार गैर जरूरी सामानों के आयात पर 10% कोविड टैक्स इन देशों पर लगना चाहिए.

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उन्होंने कहा, भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा चार लाख दस हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है. 3 साल पहले यह चार लाख 80 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा था. इसलिए चीन से भारत का व्यापार केवल नुकसान का व्यापार है. यह 10% कोविड टैक्स चीन को उसके कुकर्मों की सजा देगा. चीन ने जमीन, बिजली और बैंक के सूद के भाव बहुत कम करके अपने यहां उद्योगों को बढ़ाया है और WTO की आड़ में भारतीय उद्योगों को खत्म किया है.
कोविड टैक्स भारतीय उद्योगों को न केवल बढ़ावा देगा बल्कि नए रोजगार के अवसर भी मिलेंगे. एक फर्नीचर का ही उदाहरण लें तो आज पूरा भारत चीन के फर्नीचर सामानों से भरा हुआ है और हमारे कारीगर बेरोजगार बैठे हैं.

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उन्होंने कहा, भारत आज दवा उद्योग में शीर्ष पर है. किसी समय इसके सारे मूल तत्व भी हम ही बनाते थे. आज API बनाने के 70% उद्योग भारत में बंद हो चुके हैं. हम इनको चीन से आयात कर टैबलेट में बदलकर विदेशों में भेजते हैं. ऐसे सैकड़ों उद्योग हैं जो WTO के नाम पर चीन की शैतानी भरी चाल के शिकार हो चुके हैं. आज इन सब को पुनः जीवित करने की आवश्यकता है.

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