इस तारीख से शुरू होगी कोरोना की चौथी लहर, जानिए कितनी होगी खतरनाक
देश में कोरोना की तीसरी लहर अभी खत्म भी नहीं हुई है कि चौथी लहर की भविष्यवाणी होने लगी है. शोधकर्ताओं ने देश में कोरोना वायरस की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू होने की आशंका जताई चौथी है.
highlights
अब आएगी कोरोना की चौथी लहर
22 जून से शुरू होने की है संभावना
15-31 अगस्त पीक पर होगा चौथी लहर
नई दिल्ली:
देश में कोरोना की तीसरी लहर अभी खत्म भी नहीं हुई है कि चौथी लहर की भविष्यवाणी होने लगी है. शोधकर्ताओं ने देश में कोरोना वायरस की चौथी लहर 22 जून के आसपास शुरू होने की आशंका जताई चौथी है. शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि चौथी लहर का असर 24 अक्टूबर 2022 तक जारी रह सकती है. हालांकि, चौथी लहर की गंभीरता के बारे में अभी कुछ भी नहीं बताया गया है. शोधकर्ताओं का कहना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के सामने आने के बाद ही इसकी गंभीरता का पता चल पाएगा.
दो भविष्यवाणियां निकली ती सही
गौरतलब है कि यह शोध आईआईटी कानपुर के रिसर्चर्स ने की है. इन शोधकर्ताओं की ओर से देश में कोविड -19 लहर को लेकर की गई भविष्यवाणी अब से पहले दो बार सही निकली है. विशेष रूप से तीसरी लहर के बारे में लगभग सटीक रही. ये शोध आईआईटी कानपुर के मैथमेटिक्स एंड स्टैटिसटिक्स डिपार्टमेंट के एसपी राजेश भाई, सुभरा शंकर धर और शलभ ने की थी. इन शोधकर्ताओं ने अपनी भविष्यवाणी के लिए सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग करते हुए कहा कि कोरोना की चौथी लहर कोरोना महामारी की शुरुआत के करीब 936 दिन बाद आ सकती है.
अगस्त के आखिरी पखवाड़े में होगा पीक
आईआईटी कानपुर के इन शोधकर्ताओं ने के मुताबिक कोविड -19 की चौथी लहर कम से कम चार महीने तक चलेगी. गौरतलब है कि यह सांख्यिकीय भविष्यवाणी 24 फरवरी को प्रीप्रिंट सर्वर MedRxiv पर पब्लिश हुई है. इन शोधकर्ताओं के मुताबिक. चौथी लहर का ग्राफ 15 अगस्त से 31 अगस्त तक पीक पर पहुंच जाएगा. इसके बाद इसमें कमी आनी शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही उम्मीद जताई गई है कि कोरोना की चौथी लहर में बूस्टर डोज के साथ ही वैक्सीनेशन की स्थिति काफी महत्वपूर्ण रहेगी.
दूसरे देशों के लिए भी होगा कारगर
इन शोधकर्ताओं के मुताबिक देश में अनुमानित चौथी लहर 22 जून से शुरू हो सकती है. यह 15 अगस्त से 31 अगस्त तक अपने पीक पर पहुंच जाएगा और 24 अक्टूबर को समाप्त हो जाएगी. शोधकर्ताओं के इस दल ने चौथी लहर के पीक के समय बिंदु के गैप की गणना करने के लिए 'बूटस्ट्रैप' नामक एक पद्धति का इस्तेमाल किया. उनका कहना है कि इस पद्धति का इस्तेमाल कर दूसरे देशों में भी चौथी और अन्य लहर की भविष्यवाणी के लिए किया जा सकता है.
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