कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचा रखी है. फ्रांस में भी कोरोना वायरस (Coronavirus) का तांडव चल रहा है. फ्रांस और भारत में कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण राफेल लड़ाकू विमान (Rafale fighters) की पहले बैच की डिलीवरी में अब कुछ हफ्तों की देरी हो सकती है.
भारतीय वायुसेना (IAF) के सूत्रों ने ने कहा कि लॉकडाउन के कारण फिलहाल डिलीवरी शेड्यूल को कुछ हफ्तों के लिए आगे कर दिया गया है. लेकिन इस संबंध में व्यवस्था की जा रही है. सूत्रों ने कहा कि फ्रांस से डिलीवरी में देरी के अलावा, अंबाला एयरबेस में भी कुछ तैयारियां पूरी होनी बाकी हैं, जो फ्रांसीसी मूल के लड़ाकू विमानों के पहले स्क्वाड्रन के घर जा रही है.
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इस विमान को अगले महीने मई के अंत तक भारत पहुंचना था, लेकिन अब कुछ हफ्तों की देरी होगी. लॉकडाउन खत्म होने के बाद ही कब यह भारत आएगी इसपर तस्वीर साफ होगी.
राफेल एयरक्राफ्ट की पहली यूनिट 17 स्क्वाड्रन को मिलेगी. पूर्व वायुसेना प्रमुख मार्शल बीएस धनोआ ने इसकी कमान सौंपी थी. इस यूनिट का नेतृत्व 1999 में करगिल युद्ध के दौरान एयरचीफ मार्शल बीएस धनोआ ने किया था.
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वहीं , चारों प्रशिक्षक राफेल के साथ आएंगे. राकेश कुमार सिंह भदौरिया 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए गठित निगोसिएशन टीम का हिस्सा भी थे. भारत ने 36 राफेल फ्रांस से 60,000 करोड़ रुपये खरीदी है.
बता दें कि इससे पहले वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ( Rakesh Kumar Singh Bhadauria) ने कहा था कि भारतीय वायु सेना में जल्द ही शामिल होने जा रहे 36 राफेल लड़ाकू विमान (rafale fighter jet) अकेले वायु सेना (Air force) की जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी नहीं होंगे.हमें वायु शक्ति के बेहतर प्रयोग के लिए सुखोई 30 विमानों पर स्वदेश निर्मित अस्त्र मिसाइल तथा मिग-29 जैसे अन्य लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल करने की क्षमता की जरूरत है.