केंद्रीय कपडा मंत्री स्मृति ईरानी के फर्जी डिग्री विवाद में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट छह अक्टूबर को फैसला सुनाएगी। अदालत अपने फैसले में यह साफ करेगी कि स्मृति ईरानी के खिलाफ कथित फर्जी डिग्री के आरोप प्राथमिक तौर पर साबित होते हैं या नहीं।
स्मृति ईरानी पर आरोप है कि चुनाव लडने के लिए जो हलफनामा चुनाव आयोग में जमा कराया गया था उसमें उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में गलत जानकारियां दी थी।
अदालत में चुनाव अधिकारी ने बताया कि स्मृति की ओर से शैक्षणिक योग्यता के बारे में दाखिल किए गए दस्तावेज नहीं मिल पा रहे हैं। हालांकि चुनाव आयोग का कहना था कि यह जानकारी उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
गौरतलब है कि शिकायतकर्ता खान की ओर से अधिवक्ता केके मनन का कहना है कि अप्रैल 2004 में लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल अपने हलफनामे में ईरानी ने कहा था कि उन्होंने 1996 में दिल्ली विश्वविद्यालय के पत्राचार से बीए किया, जबकि 11 जुलाई 2011 को गुजरात से राज्यसभा चुनाव के लिए आयोग के समक्ष दाखिल एक अन्य हलफनामे में उन्होंने कहा कि उनकी सर्वोच्च शैक्षणिक योग्यता डीयू के पत्राचार से बीकॉम पार्ट वन है।
Source : News Nation Bureau