जेएनयू मामला : समुचित मंजूरी के बिना आरोपपत्र दायर करने पर अदालत ने पुलिस से किया सवाल

पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत से कहा कि वह 10 दिन के भीतर अनुमति ले लेगी.

पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत से कहा कि वह 10 दिन के भीतर अनुमति ले लेगी.

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Sunil Mishra
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जेएनयू मामला : समुचित मंजूरी के बिना आरोपपत्र दायर करने पर अदालत ने पुलिस से किया सवाल

प्रतीकात्मक तस्वीर

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज 2016 के जेएनयू देशद्रोह मामले में समुचित मंजूरी लिए बिना आरोपपत्र दायर करने को लेकर अदालत ने शनिवार को दिल्ली पुलिस से सवाल किए. पुलिस ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक शेरावत से कहा कि वह 10 दिन के भीतर अनुमति ले लेगी. अदालत ने पूछा, ‘‘आपने मंजूरी के बगैर (आरोपपत्र) दायर क्यों किया? आपके पास विधि विभाग नहीं है क्या?’’  अदालत मामले की सुनवाई जल्दी ही शुरू कर सकती है.

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दिल्ली पुलिस ने कुमार और अन्य लोगों के खिलाफ स्थानीय अदालत में 14 जनवरी को आरोपपत्र दायर करते हुए कहा कि वह एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे और फरवरी 2016 में विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में देश-विरोधी नारों का समर्थन किया था. 

जेएनयू देशद्रोह मामले में सुनवाई 6 फरवरी के लिए टल गई. आज कोर्ट ने कन्हैया, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य आदि के खिलाफ दायर चार्जशीट पर आज संज्ञान नहीं लिया, क्योंकि चार्जशीट के लिए दिल्ली सरकार से ज़रूरी अनुमति अभी तक दिल्ली पुलिस को नहीं मिली है. दरअसल देशद्रोह के मामले में CRPC के सेक्शन 196 के तहत जब तक सरकार मंजूरी नहीं दे देती, तब तक कोर्ट चार्जशीट पर संज्ञान नहीं ले सकता.

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पुलिस ने नौ फरवरी, 2016 को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बन भट्टाचार्य के खिलाफ राष्ट्र-विरोधी नारे लगाने का भी आरोप लगाया है. 9 फरवरी 2016 को संसद हमले के मुख्य आरोपी अफजल गुरु की फांसी के 3 साल पूरे हुए थे. जिसे लेकर जेएनयू के कुछ छात्रों ने एक कार्यक्रम का आयोज किया. आयोजन साबरमती हॉस्टल के सामने करना तय हुआ.

इस कार्यक्रम का नाम रखा गया 'द कंट्री ऑफ द विदाउट पोस्ट ऑफिस'. अफजल गुरू और जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सह संस्थापक मकबूल भट्ट की याद में आयोजित इस कार्यक्रम को पहले जेएनयू प्रशासन की ओर से अनुमति मिल गई थी, लेकिन बाद में एबीवीपी (ABVP)के विरोध को देखते हुए प्रशासन अपनी अनुमति वापस ले ली.

Source : PTI

delhi-police Umar Khalid JNU CASE Chargesheet in JNU Case Chargesheet against Kanhaiya Kumar Anirban Bhattacharya
      
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