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मथुरा के शाही ईदगाह को हटाने के लिए दायर याचिका, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

मथुरा के शाही ईदगाह को हटाने के लिए दायर याचिका, कोर्ट ने जारी किया नोटिस

Updated on: 07 Feb 2021, 06:40 PM

मथुरा:

मथुरा की एक अदालत ने मथुरा में कटरा केसरी देव मंदिर परिसर में भगवान कृष्ण की जन्मस्थली के पास से 17 वीं शताब्दी की मस्जिद हटाने के लिए नए सिरे से अपना पक्ष रखने के लिए शाही ईदगाह मस्जिद प्रबंधन समिति और अन्य को नोटिस जारी किया है. जिला सरकार के वकील (सिविल) संजय कौर ने कहा कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश देव कांत शुक्ला ने शनिवार को याचिका को स्वीकार करने के बाद नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह मुकदमा विस्तृत सुनवाई के लिए अनुरक्षण योग्य है और इसलिए स्वीकार्य है.

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दीवानी मुकदमे को स्वीकार करने के बाद, अदालत ने तीन अन्य प्रतिवादियों को भी नोटिस जारी किया – सुन्नी वक्फ बोर्ड, लखनऊ के अध्यक्ष और श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट कटरा केशव देव मंदिर और श्री कृष्ण सेवा संस्थान, कटरा केशव देव मंदिर के प्रबंध ट्रस्टी. डीजीसी गौर ने कहा कि अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 8 मार्च तक चार उत्तरदाताओं के स्टैंड की मांग की.

मंदिर के देवता ठाकुर केशव देव जी महाराज विराजमान की ओर से पुराने केशव देव मंदिर के पुजारी पवन कुमार शास्त्री द्वारा ताजा याचिका दायर की गई है. ” सेवायत ” शास्त्री ने अपनी याचिका में तीन मांगें की हैं, जिसमें सबसे पहले कटरा केशव देव मंदिर परिसर की पूरी 13.37 एकड़ भूमि के प्रबंधन का अधिकार का दावा किया गया है, जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद भी शामिल है.

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सेवायत शास्त्री ने याचिका में तीन अनुरोध किया है, जिसके तहत शाही ईदगाह मस्जिद वाली जमीन सहित कटरा केशव देव मंदिर परिसर के संपूर्ण 13.7 एकड़ जमीन पर दावा किया गया है. शास्त्री ने पूरे मंदिर परिसर के प्रबंधन का अधिकार देने के अनुरोध किया है, उनका दावा है कि उनके पूर्वज पुजारी के तौर पर दशकों से भगवान की सेवा कर रहे हैं और इस प्रकार मंदिर का वास्तविक सेवायत होने की वजह से विरासत में यह अधिकार मिला है.

उन्होंने वर्ष 1967 में मथुरा की अदालत के उस फैसले को रद्द करने की मांग की है, जिसने श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान एवं शाही ईदगाह प्रबंधन समिति के बीच हुए समझौते का अनुमोदन किया और जिसके तहत मंदिर के नजदीक मस्जिद को बनाए रखने की अनुमति दी गई. शास्त्री ने अपनी याचिका में शाही ईदगाह प्रबंधन समिति एवं लखनऊ स्थित सुन्नी वक्फ बोर्ड अध्यक्ष को मौजूदा स्थान से मस्जिद को हटाने का निर्देश देने का भी अनुरोध अदालत से किया.