देश के पहले मतदाता श्याम सरन का निधन, उनकी जिंदगी की ये खास बातें हैरान कर देंगी आपको
देश के पहले मतदाता श्याम सरन, सिर्फ पहले मतदाता ही नहीं थे बल्कि इसके अलावा भी उन्होंने तमाम ऐसी सफलताएं पाईं, जिसे सुनकर लोग चौंक जाते हैं.
highlights
- आजाद भारत के सबसे पहले मतदाता थे श्याम सरन नेगी
- 2 नवंबर को पोस्टल बैलेट से किया था मतदान
- 4 नवंबर की रात को ली जिंदगी की आखिरी सांस
नई दिल्ली :
Shyam Saran News : देश के सबसे पहले मतदाता, देश के सबसे उम्रदराज मतदाता, भारत के ऐसे मतदाता जिस पर गूगल ने फिल्म बनाई हो, देश के ऐसे मतदाता जिसके निधन पर इलेक्शन कमीशन तक ने शोक जताया हो, अगर हम अलग-अलग ये सवाल करें तो तमाम लोग सोचेंगे कि उत्तर में अलग-अलग लोगों का नाम होगा लेकिन नहीं. इन सारे सवालों का एक ही जवाब है श्याम सरन नेगी. हिमाचल प्रदेश के रहने वाले श्याम सरन नेगी ने अकेले ही ये सारी सफलताएं अर्जित कीं. साल 1917 में जन्में श्माम सरन नेगी का शु्क्रवार (4 नवंबर) की रात को निधन हो गया. कमाल की बात है कि भारत के सबसे पहले मतदाता श्याम सरन ने, मरने से कुछ दिन पहले ही वोट दिया था. श्याम सरन नेगी ने पोस्टल बैलेट के जरिए दो नवंबर को ही हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के लिए मतदान कर दिया था. उनकी उम्र 106 साल बताई जाती है.
उन्होंने जब 106 साल की उम्र में पोस्टल बैलेट से वोट दिया तो मीडिया में भी अच्छा-खासा प्रचार किया गया. पीएम मोदी ने भी ट्वीट करके उन्हें युवा मतदाताओं के लिए आदर्श बताया था. अब जैसे ही श्याम सरन के निधन की खबर आई, हिमाचल के मंडी में प्रचार के लिए पहुंचे पीएम मोदी ने इस पर दुख जताया. इसके अलावा प्रमुख कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने भी उनके निधन पर ट्वीट करके शोक जताया. इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने भी ट्वीट करके श्याम सरन नेगी के निधन पर शोक व्यक्त किया. साथ ही कहा कि हम राष्ट्र के लिए उनकी सेवा के लिए सदा आभारी हैं.
ऐसा नहीं है कि अपने निधन पर श्याम सरन नेगी अचानक चर्चा में आ गए. इससे पहले साल 2014 में भी चर्चा में आए थे, जब नेगी पर एक फिल्म 'प्लेज टू वोट' बनाई गई थी. साल 2015 में आई एक बॉलीवुड फिल्म सनम रे में भी कुछ सीन में नेगी नजर आ चुके हैं. इससे पहले साल 2010 में उस समय के मुख्य चुनाव अधिकारी नवीन चावला ने भी नेगी से मुलाकात की थी. अब उनके निधन पर शुक्रवार को सुबह राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. दावा किया जा रहा है कि उनके अंतिम संस्कार में कई हजार लोग शामिल हुए.
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