बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस पर एक बार फिर निशाना साधते हुए कहा है कि सिर्फ विपक्षी एकता की बात करने से कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वैकल्पिक राजनीति समय की मांग है और कांग्रेस को एजेंडा तय करना चाहिये।
उन्होंने कहा, 'कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है। उसे एक एजेंडा तय करना चाहिए, जिसमें जनता के सामने हमें यह रखना होगा कि किस प्रकार देश को आगे ले जाएंगे।'
नीतीश ने स्पष्ट कहा, 'सिर्फ एकता की बात करने और राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ गठबंधन बनाने से कुछ नहीं होगा। हमें अहम मुद्दे पर एकजुटता दिखानी होगी।'
उन्होंने खुद को विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार से अलग किया। और कहा, 'मैं 2019 के लिए विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पद का दावेदार नहीं हूं। बिहार में वादों को लागू करना हमारी प्राथमिकता है।'
जनता दल (युनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश ने राज्य में सत्ताधारी महागठबंधन में किसी भी टूट की संभावना को सिरे से खारिज करते हुए कहा, 'इसपर कोई खतरा नहीं है। महागठबंधन पूरी तरह अटूट है।'
उन्होंने कांग्रेस और जेडीयू के बीच मतभेदों को खारिज भी किया।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की अगस्त महीने में होने वाली रैली में भाग लेने के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा, 'उन्हें इस रैली में भाग लेने के लिए अभी अनौपचारिक न्योता मिला है। औपचारिक न्योता भी मिल जाएगा। बिना न्योता के कहीं कोई जाता है क्या?'
नीतीश ने राष्ट्रपति चुनाव के राजनीतिकरण किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जो राजनीति की जा रही है वो सही नहीं है। राष्ट्रपति चुनाव की राजनीति में किसान का मुद्दा पीछे छूट गया। किसान के मुद्दे को पीछे नहीं करना चाहिए था। ये एक अहम मुद्दा है।'
Source : News Nation Bureau