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'मुश्किल समय से गुजर रहा देश, शांति कायम करने का प्रयास होना चाहिए'( Photo Credit : ANI Twitter)
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध की आड़ में शांति और सद्भाव को नुकसान पहुंचाने वालों पर ठोस कार्रवाई की मांग वाली एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबड़े (CJI SA Bobde) ने कहा, 'देश एक महत्वपूर्ण समय से गुजर रहा है, प्रयास शांति लाने के लिए होना चाहिए और इस तरह की कार्रवाई से मदद नहीं मिलेगी. इस तरह की याचिका शांति लाने में मददगार साबित नहीं होगी.'
Supreme Court to lawyer Vineet Dhanda who filed plea seeking strict legal action against 'those disturbing peace and harmony over Citizenship Amendment Act' : Country is going through a critical time, the endeavour must be to bring peace and such petitions don’t help. pic.twitter.com/R8ymEIBDcT
— ANI (@ANI) January 9, 2020
गुरुवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में कहा गया कि नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ जो भी याचिकाएं दाखिल की गई हैं, उनकी सुनवाई तभी शुरू होगी जब हिंसा पूरी तरह से रुक जाएगी. वकील विनीत ढांडा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि CAA को संवैधानिक घोषित किया जाए. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने की.
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सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ करीब 60 याचिकाएं दायर की गई हैं, लेकिन अभी किसी भी याचिका पर सुनवाई नहीं हुई है. CAA के खिलाफ याचिका दाखिल करने वालों में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, TMC सांसद महुआ मोइत्रा आदि शामिल हैं. इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब भी तलब किया हुआ है.
Source : News Nation Bureau