देश को मिली पहली ड्राइवरलेस मेट्रो, जानिए PM मोदी की 10 बड़ी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली चालक रहित मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन किया. साथ पीएम मोदी ने वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की भी शुरुआत की. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मेट्रो में मेन इंडिया की तारीफ की.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की पहली चालक रहित मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन किया. साथ पीएम मोदी ने वन नेशन, वन मोबिलिटी कार्ड की भी शुरुआत की. इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में मेट्रो में मेन इंडिया की तारीफ की. साथ ही कहा कि मेट्रो के विस्तार में महत्वपूर्ण है. चलिए आपको बताते हैं पीएम मोदी की प्रमुख दस बड़ी बातें.
1. मुझे आज से लगभग 3 साल पहले मजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था. आज फिर इसी रुट पर देश की पहली ऑटोमेटिड मेट्रो का उद्घाटन करने का अवसर मिला. ये दिखाता है कि भारत कितनी तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है.
2. आज नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड से भी मेट्रो जुड़ रही है. पिछले साल अहमदाबाद से इसकी शुरुआत हुई थी. आज इसका विस्तार दिल्ली मेट्रो की एयर पोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर हो रहा है.
3. कुछ दशक पहले जब urbanisation का असर और urbanisation का भविष्य, दोनों ही बिल्कुल साफ था तो उस समय एक अलग ही रवैया देश ने देखा. भविष्य की जरुरतों को लेकर उतना ध्यान नहीं था, आधे-अधूरे मन से काम होता था, भ्रम की स्थिति बनी रहती थी.
4. इस सोच से अलग, आधुनिक सोच ये कहती है शहरीकरण को चुनौती ना मानकर एक अवसर की तरह इस्तेमाल किया जाए. एक ऐसा अवसर जिसमें हम देश में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर बना सकते हैं. एक ऐसा अवसर जिससे हम Ease of Living बढ़ा सकते हैं. सोच का ये अंतर शहरीकरण के हर आयाम में दिखता है.
5. 2014 में सिर्फ 5 शहरों में मेट्रो रेल थी. आज 18 शहरों में मेट्रो रेल की सेवा है. वर्ष 2025 तक हम इसे 25 से ज्यादा शहरों तक विस्तार देने वाले हैं.
6. दिल्ली मेरठ RRTS का शानदार मॉडल दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर एक घंटे से भी कम कर देगा. मेट्रोलाइट- उन शहरों में जहां यात्री संख्या कम है वहां मेट्रोलाइट वर्जन पर काम हो रहा है. ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है.
7. मेट्रो नियो- जिन शहरों में सवारियां और भी कम है वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है. ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है. इसी तरह है वॉटर मेट्रो- ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है.
8. मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है. मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है. रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ पहुंच गयी है.
9. आज चार बड़ी कंपनियां देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं. दर्जनों कंपनिया मेट्रो कंपोनेंट्स के निर्माण में जुटी हैं. इससे Make in India के साथ ही, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है.
10. वन नेशन, वन राशनकार्ड, से एक स्थान से दूसरे स्थान जाने वाले नागरिकों को नया राशनकार्ड बनाने के चक्करों से मुक्ति मिली है. इसी तरह नए कृषि सुधारों और e-NAM जैसी व्यवस्थाओं से वन नेशन, वन एग्रीकल्चर मार्केट की दिशा में देश आगे बढ़ रहा है.
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