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सीएआई ने भारत के कपास उत्पादन में कटौती का लगाया अनुमान

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने चालू कपास उत्पादन और विपणन वर्ष 2017-18 भारत में कपास के उत्पादन अनुमान में आठ लाख गांठ कटौती की है

Updated on: 09 Feb 2018, 11:45 PM

नई दिल्ली:

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने चालू कपास उत्पादन और विपणन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में भारत में कपास के उत्पादन अनुमान में आठ लाख गांठ (एक गांठ 170 किलोग्राम के बराबर) कटौती की है। यह जानकारी एसोएिशन के अध्यक्ष अतुल गंतरा ने शुक्रवार को दी।

इससे पहले अमेरिकी एजेंसी यूएस डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) ने गुरुवार को अपनी मासिक रिपोर्ट में पिछले महीने के मुकाबले इस महीने भारत के कपास उत्पादन अनुमान में 10 लाख टन की कटौती की थी।

यूएसडी की रिपोर्ट से घरेलू हाजिर और वायदा बाजार में कपास की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी रहा। लेकिन कुछ राज्यों के एसोएिशन की ओर से चालू कपास सीजन में 31 जनवरी तक 2.11 करोड़ गांठ की बड़ी आवक हो जाने के अनुमान जारी करने से दोपहर बाद वायदा भाव में थोड़ी नरमी आ गई।

हालांकि बाद में सीएआई की ओर से उत्पादन अनुमान में कटौती करने पर शाम को फिर सुधार देखने को मिला। वहीं, हाजिर भाव में कोई खास नरमी नहीं दिखी।

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अतुल ने बताया कि इस साल देश में 3.67 करोड़ गांठ कपास का उत्पादन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि पिछले महीने 3.75 करोड़ गांठ का अनुमान जारी किया गया था।

उन्होंने कहा, 'पिंक वर्म से महाराष्ट्र और तेलंगाना में कपास की फसल को नुकसान होने से अनुमान में कटौती की गई है। दोनों प्रदेशों में कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर किसानों ने फसल तैयार होने का इंतजार किए बगैर खेत खाली करना शुरू कर दिया है।'

अतुल ने बताया कि चालू सीजन में देश में कपास की कुल आपूर्ति 4.17 करोड़ गांठ रह सकती है, जिसमें 30 लाख टन पिछले साल का स्टॉक (ओपनिंग स्टॉक) शामिल है और सीएआई के अनुमान के मुताबिक 20 लाख गांठ कॉटन का आयात हो सकता है।

घरेलू खपत 3.20 करोड़ गांठ है, जबकि सीएआई का अनुमान है कि इस साल भारत 55 लाख गांठ कॉटन का निर्यात करेगा। इस प्रकार अगले साल के लिए सीजन के अंत में 30 सितंबर, 2018 को 42 लाख गांठ का स्टॉक (कैरी फॉर्वर्ड) बच जाएगा।

सीएआई की रपट के मुताबिक, एक अक्टूबर, 2017 से लेकर 31 जनवरी, 2018 तक 155.75 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है।

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यूएसडी की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2017-18 में भारत में कपास का उत्पादन 3.65 करोड़ गांठ रह सकता है, जो जनवरी में जारी अनुमान से 3.75 करोड़ गांठ से 10 लाख गांठ कम है।

अमेरिकी एजेंसी ने भारत का कपास निर्यात भी 55.1 लाख गांठ से घटाकर 53.9 लाख गांठ कर दिया है, जबकि आयात का अनुमान 20.5 लाख गांठ से बढ़ाकर 21.8 लाख गांठ कर दिया गया है। यूएसडी के मुताबिक भारत में कॉटन का अंतिम स्टॉक 1.62 करोड़ गांठ रह सकता है।

घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर भारतीय समयानुसार शुक्रवार को 17.00 बजे कपास के फरवरी में एक्सपायरी सौदे में पिछले कारोबारी सत्र के मुकाबल 50 रुपये की बढ़त के साथ 20,230 रुपये प्रति गांठ पर कारोबार चल रहा था।

इससे पहले यह सौदा सुबह में 20,160 रुपये पर खुला और उत्पादन अनुमान में कटौती व विदेशी बाजार के संकेतों से बढ़कर 20,300 रुपये की ऊंचाई पर जा पहुंचा। लेकिन बाद में घरेलू कारणों से आई सुस्ती के कारण 20,100 रुपये तक लुढ़क गया।

वहीं, हाजिर बाजार में कपास की कीमतों में मध्य भारत में 200-300 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी में 356 किलोग्राम) की तेजी देखी गई, जबकि उत्तर भारत में 20-25 रुपये प्रति मन (एक मन 37.3 किलोग्राम के तुल्य) की बढ़त के साथ कपास के सौदे हुए।

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