Ultra Violet किरणों से मारा जाएगा कोरोना, लेकिन इंसानों को पहुंचा सकता है नुकसान!
शोधकर्ता और सेंटर ऑफ रेडियोलॉजिकल रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. डेविड ब्रेनर ने बताया कि फार-यूवीसी किरणें जीवाणुओं और वायरस को खत्म करती हैं और ये इंसानों के शरीर को नुकसान भी नहीं पहुंचातीं हैं.
नई दिल्ली:
हर वक्त भागती दुनिया को एक छोटे से वायरस ने थाम सा दिया है, इस समय हर देश कोरोना वायरस की चपेट में है. चारों तरफ महामारी कोरोना (CoronaVirus Covi-19) अपना प्रकोप दिखा रहा है, अब तक इस वायरस से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं कई इस के कब्जे में आने के बाद इससे उबरने में जुटा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ वैज्ञानिक कोरोना वायरस को खत्म करने के उपाय को खोजने में जुटे हुए हैं.
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की माने तो एक खास तरह की अल्ट्रा वॉयलेट किरणों से हवा में स्थित करीब 99 % कोरोना को खत्म किया जा सकता है. बता दें कि जर्मिसाइडल अल्ट्रा वायलेट (यूवी) किरणों का इस्तेमाल अस्पताल और मेडिकल सेंटर की सफाई में किया जाता है. ये बैक्टीरिया और वायरस के डीएनए को खत्म करती हैं. लेकिन यह इंसान के शरीर को काफी नुकसान पहुंचाती हैं, इससे इंसानों को दूर रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि ये किरणें स्किन कैंसर और मोतियाबिंद के खतरे को बढ़ा देती हैं.
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इस दावे पर शोधकर्ता और सेंटर ऑफ रेडियोलॉजिकल रिसर्च के डायरेक्टर डॉ. डेविड ब्रेनर ने बताया कि फार-यूवीसी किरणें जीवाणुओं और वायरस को खत्म करती हैं और ये इंसानों के शरीर को नुकसान भी नहीं पहुंचातीं हैं.
वहीं प्रो डेविड ब्रेनर का कहना है कि अभी किसी कमरे में वायरस की संख्या कम करने का कोई भी एकदम सही तरीका नहीं है. अगर कमरे में कोई छींकता है तो क्या कर सकते हैं. ऐसे में अगर हवा से वायरस को मारना है तो पावरफुल हथियार की जरूरत पड़ेगी. चीन और साउथ कोरिया में यूवी लाइट का इस्तेमाल किया जा रहा है. कई जगह रोबोट इन्हीं किरणों की मदद से अस्पतालों, बसों और ट्रेनों को सैनेटाइज कर रहे हैं.
शोधकर्ताओं का कहना है कि ये काफी पावरफुल किरणें हैं क्योंकि इनका इस्तेमाल क्लीनर की तरह किया जा सकता है. ये इंसानों की स्किन को नुकसान भी नहीं पहुंचाती. डॉ. डेविड ब्रेनर कोरोना महामारी से पहले ही फार-यूवीसी किरणों की मदद से वायरस को खत्म करने पर शोध कर रहे हैं. पहले लक्ष्य फ्लू के वायरस को खत्म करने का बनाया गया था अब कोरोना को खत्म करना प्राथतिकता है.
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प्रो डेविड ब्रेनर के अनुसार, फार-यूवीसी किरणों के हल्के डोज से भी वायरस को 99 फीसदी तक खत्म किया जा सकता है. कोरोना के मामले में भी ऐसा ही होगा लेकि फार-यूवीसी लैंम्प को अभी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से मंजूरी मिलनी बाकी है. अप्रूअल मिलते ही इसका इस्तेमाल पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे एयरपोर्ट, प्लेन, ट्रेन के अलावा स्कूल और हॉस्पिटल में किया जा सकेगा.
बता दें कि भारत में में कोरोना पीड़ितों की संख्या 24 हजार को पार कर गई है. शनिवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय के रिपोर्ट के मुताबिक 24,506 लोग इस वायरस से पीड़ित बताए गए हैं जिसमें से 18668 लोग कोरोना पॉजिटीव हैं. 5062 लोगों को देश के विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है. लेकिन देश मे शनिवार सुबह तक मरने वालों को तादाद 775 हो गयी है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रलाय के मुताबिक शनिवार सुबह तक अंडमान-निकोबार में 127 कोरोना के मामले सामने आए हैं, जिनमें से 11 को डिस्चार्ज कर दिया गया है.
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