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कोरोना के नए वैरिएंट ने बढ़ाई चिंता, वैक्सीन और इम्यूनिटी दोनों को दे सकता है धोखा

अभी लोगों को महामारी कोरोनावायरस से राहत मिलना शुरू ही हुआ था कि इसके नए वैरिएंट ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है. कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना का ये बदलता रूप काफी खतरनाक है.

Updated on: 22 Jun 2021, 08:57 AM

highlights

  • कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है
  • नए कोरोना वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल का भी असर नहीं होगा
  • डेल्टा प्लस में वो सारे लक्षण है जो डेल्टा वैरिएंट में थे

नई दिल्ली:

अभी लोगों को महामारी कोरोनावायरस से राहत मिलना शुरू ही हुआ था कि इसके नए वैरिएंट ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है. कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस का संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है. कोरोना का ये बदलता रूप काफी खतरनाक है. दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा वैरिएंट की वजह से कोहराम मचा था. कोरोना की दूसरी लहर की वजह डेल्टा वैरिएंट ही था. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन और इंफेक्शन इम्यूनिटी को भी डेल्टा प्लस वैरिएंट धोखा दे सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट इम्यूनिटी और वैक्सीन के साथ-साथ पहले के इंफेक्शन से विकसित इम्यूनिटी को भी चकमा दे सकता है. डेल्टा प्लस में वो सारे लक्षण है जो डेल्टा वैरिएंट में थे. इसके अलावा K417N नाम का म्यूटेशन जो दक्षिण अफ्रीका में बीटा वैरिएंट में पाया गया था उससे भी इसके लक्षण मिलते हैं.

उन्होंने कहा कि हमें यह अच्छे से पता है कि वैक्सीन का असर बीटा वैरिएंट पर कम है. बीटा वैरिएंट वैक्सीन को चकमा देने में अल्फा और डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा तेज है. यह तथ्य भी है कि दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की खेप वापस कर दी थी उनका कहना था कि यह वैक्सीन वहां वायरस के वैरिएंट के खिलाफ कारगर नहीं थी.

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वहीं कोरोना के इस नए स्वरुप पर विशेषज्ञों ने बताया कि इस नए कोरोना वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबाडी काकटेल का भी असर नहीं होगा. कोरोना इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंडीबॉडी थेरेपी काफी उपयोग में लाया जा रहा है. मोनोक्लोनल एंटीबाडी थेरेपी में एक ऐसी दवा का इस्तेमाल किया जाता है जो संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर में प्राकृतिक रूप से बनी एंटीबाडी की नकल करती है.

नए वैरिएंट का पता लगने के बारे में सार्वजनिक चर्चा के संबंध में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पाल ने कहा है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी तक चिंताजनक वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत नहीं है. डॉ. पाल ने कोविड-19 के बारे में पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति यह है कि एक नया वैरिएंट पाया गया है. अभी तक यह वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट(वीओआई) यानी रुचि का वैरिएंट है और अभी तक यह वैरिएंट ऑफ कनसर्न (वीओसी) यानी चिंताजनक वैरिएंट के रूप में वर्गीकृत नहीं है. वीओसीऐसा है जिसमें हम समझ चुके हैं कि मानवता के प्रतिकूल परिणाम हैं, जो बढ़ती संक्रामकता या विषैलापन के कारण हो सकते हैं. हम डेल्टा प्लस वैरिएंट के बारे में यह नहीं जानते हैं.