Coronavirus: भारत में तैयार होगी इंसानी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, कंपनी को मिली मंजूरी

इस प्रोजेक्‍ट का मकसद मोनोक्‍लोनल एंटीबॉडिज (monoclonal antibodies) उत्‍पन्‍न करके लोगों को एक विकल्‍प उपलब्‍ध कराना है. ऐसा कहा जा रहा है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज के माध्‍मय से संक्रमण के असर को बेअसर किया जा सकता है.

author-image
Kuldeep Singh
एडिट
New Update
Vaccine

भारत में तैयार होगी इंसानी मोनोक्लोनल एंटीबॉडी, कंपनी को मिली मंजूरी( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना वायरस (Coronavirus) का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. देश में अब तक 56 हजार से ज्‍यादा मामले सामने आ चुके हैं. वहीं 1800 से अधिक लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है. अब तक इस महामारी की कोई दवा बाजार में मौजूद नहीं है. कई देश इसकी दवा और वैक्सीन बनाने की दिशा में प्रयास कर रहे हैं लेकिन किसी को अभी तक सफलता नहीं मिली है. इसी बीच भारत में इंसानी मोनोक्‍लोनल एंटीबॉडीज (monoclonal antibodies) को विकसित करने वाले प्रोजेक्‍ट को हरी झंडी दिखाई गई है.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः दिल्ली में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर भेजने के लिये ट्रेन का खर्च उठाएगी केजरीवाल सरकार

जानकारी के मुताबिक काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) ने हाल ही में इस प्रोजेक्‍ट को मंजूरी दी है. सीएसआईआर ने 'न्यू मिलेनियम इंडियन टेक्नोलॉजी लीडरशिप इनीशिएटिव' (एनएमआईटीएलआई) फ्लैगशिप प्रोग्राम के तहत इसे मंजूरी दी है. वैक्सीन्स और बायो-थेरेप्यूटिक्स की निर्माता 'भारत बायोटेक' इसका नेतृत्‍व कर रही है. यह कंपनी दुनिया के 60 से अधिक देशों में अपने प्रोडक्‍ट की सप्‍लाई करती है. इस प्रोजेक्‍ट का मकसद मोनोक्‍लोनल एंटीबॉडिज उत्‍पन्‍न करके लोगों को एक विकल्‍प उपलब्‍ध कराना है. ऐसा कहा जा रहा है कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज के माध्‍मय से संक्रमण के असर को बेअसर किया जा सकता है.

यह भी पढ़ेंः देश के 216 जिलों में कोरोना का कोई केस नहीं, 60 हजार पहुंचा आंकड़ा

इस प्रोजेक्‍ट के लिए भारत बायोटेक के साथ, नेशनल एकेडमी फॉर सेल साइंस पुणे, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी इंदौर और प्रेडोमिक्स टेक्नोलॉजिस गुड़गांव काम कर रहे हैं.
कंपनी का कहना है कि लैब में मोनोक्‍लोनल एंटीबॉडी तैयार की जाएगी. इसके तहत जो लोग स्‍वस्‍थ्‍य हो चुके हैं, उनकी एंटीबॉडी ली जाएगी. वैसे संक्रमण के बाद स्‍वस्‍थ हो चुके लोगों के रक्‍त में लगभग एक सप्‍ताह के बाद ये एंटीबॉडी बनती है.

क्या है मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज
मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज उस व्यक्ति के शरीर से ली जाती है जो कोरोना संक्रमण के इलाज के बाद स्वस्थ हो चुका है. उसके शरीर में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए एंटीबॉडीज बनते हैं. उन एंटीबॉडीज के माध्यम से लैब में मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज तैयार किया जाता है. संक्रमण के बाद स्‍वस्‍थ हो चुके लोगों के रक्‍त में लगभग एक सप्‍ताह के बाद ये एंटीबॉडी बनती है.

Source : News Nation Bureau

corona-virus antibodies monoclonal antibodies
      
Advertisment