logo-image

कोरोना ने फिर बदला अपना रूप, सामने आया नया वैरिएंट डेल्टा प्लस', बरपा सकता है डबल कहर

महामारी कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को तहस-नहस कर दिया है. कोरोना को हराने के लिए डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों की टीम लगातार काम कर रही हैं. लेकिन वायरस के लगातार बदलते स्वरूप ने हर किसी की चिंता को बढ़ा दिया है.

Updated on: 15 Jun 2021, 09:17 AM

highlights

  • अब कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया है
  • कोरोना के इस नए वैरिएंट को  'डेल्‍टा प्‍लस' या 'एवाई.1' नाम दिया गया है
  • भारत में इस वैरिएंट के असर को लेकर  वैज्ञानिकों का कहना है इसे लेकर चिंता करने की जरुरत नहीं है

नई दिल्ली:

महामारी कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया को तहस-नहस कर दिया है. कोरोना को हराने के लिए डॉक्टर्स और वैज्ञानिकों की टीम लगातार काम कर रही हैं. लेकिन वायरस के लगातार बदलते स्वरूप ने हर किसी की चिंता को बढ़ा दिया है. कोरोना समय-समय पर अपना रूप बदल रहा है. कोरोना के कई मामलों के बाद अब इसका नया वैरिएंट मिला है.  कोरोना के इस नए वैरिएंट को  'डेल्‍टा प्‍लस' या 'एवाई.1' नाम दिया गया है. बताया जा रहा है कि कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के कारण संक्रमण की दर में काफी इजाफा हुआ था. ऐसे में डेल्टा प्लस वैरिएंट लेकर अंदेशा जताया जा रहा है कि ये उससे भी अधिक कोहराम मचा सकता है. हालांकि भारत में इस वैरिएंट के असर को लेकर  वैज्ञानिकों का कहना है इसे लेकर चिंता करने की जरुरत नहीं है, क्योंकि देश में अब भी इसके मामले बेहद कम हैं.

और पढ़ें: दिल्ली AIIMS में 6-12 साल के बच्चों पर आज से होगा कोवैक्सीन का ट्रायल

सीएसआईआर-आईजीआईबी के निदेशक अग्रवाल ने कहा, 'अभी वायरस के इस प्रकार को लेकर भारत में चिंता की कोई बात नहीं है.' उन्होंने आगे कहा कि टीके की पूरी खुराक ले चुके लोगों के रक्त प्लाज्मा से वायरस के इस प्रकार का परीक्षण करना होगा जिससे पता चलेगा कि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा दे पाता है या नहीं.

जिनोमिकी और समवेत जीव विज्ञान संस्थान (आईजीआईबी) में वैज्ञानिक विनोद स्कारिया ने रविवार को ट्वीट किया, 'के417एन उत्परिवर्तन के कारण बी1.617.2 प्रकार बना है. इसे एवाई.1 के नाम से भी जाना जाता है.' उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन सार्स सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन में हुआ है जो वायरस को मानव कोशिकाओं के भीतर जाकर संक्रमित करने में मदद करता है. स्कारिया ने ट्विटर पर लिखा, 'भारत में के417एन से उपजा प्रकार अभी बहुत ज्यादा नहीं है. ये सीक्वेंस ज्यादातर यूरोप, एशिया और अमेरिका से सामने आए हैं.

देश में वैक्सीनेशन अभियान तेज

देशभर में वैक्सीन अभियान तेजी से चल रहा है और केंद्र सरकार लगातार राज्यों को वैक्सीन की आपूर्ति भी कर रही है ताकि अभियान में बाधा ना आये. अब चार लाख से अधिक (4,48,760) वैक्सीन की खुराक पाइपलाइन में हैं और अगले 3 दिनों के भीतर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दी जाएगी. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने एक बयान के माध्यम से घोषणा की और यह भी स्पष्ट किया कि 1.53 करोड़ (1,53,79,233) से अधिक कोविड -19 वैक्सीन खुराक अभी भी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पास उपलब्ध हैं, जिन्हें लगाया जाना बाकी है.

मंत्रालय ने आगे कहा कि भारत सरकार (मुफ्त चैनल) के माध्यम से और प्रत्यक्ष राज्य खरीद श्रेणी के माध्यम से अब तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 26 करोड़ (26,64,84,350) से अधिक वैक्सीन खुराक प्रदान कर चुकी हैं.

ये भी पढ़ें: दिल्ली के इस अस्पताल में आज से उपलब्ध होगी Sputnik V वैक्सीन

रविवार को सुबह 8 बजे उपलब्ध आंकड़ों से पता चला है कि इसमें से बर्बादी सहित कुल खपत 25,12,66,637 खुराक है. इसके अलावा केंद्र सरकार राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा टीकों की सीधी खरीद की सुविधा भी देती रही है. टेस्ट, ट्रैक, उपचार और कोविड उपयुक्त व्यवहार के साथ-साथ महामारी की रोकथाम और प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार की व्यापक रणनीति का एक अभिन्न स्तंभ है.

इस दिशा में केंद्र सरकार ने इस साल 1 मई को 18 साल से ऊपर के लोगों को कवर करते हुए कोविड-19 टीकाकरण का तीसरा चरण लागू कर चुकी है. भारत का टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू हुआ था.

इस रणनीति के तहत, हर महीने किसी भी निर्माता की कुल केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) द्वारा स्वीकृत टीके की 50 प्रतिशत खुराक केंद्र सरकार द्वारा खरीदी जाएगी. यह राज्य सरकारों को इन खुराकों को पूरी तरह से मुफ्त में उपलब्ध मिलेगा जैसा कि पहले किया जा रहा था.