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Coronavirus (Covid-19): कमाई के लिए शराब पर लगाया था ज्यादा टैक्स, लेकिन उलटा पड़ गया दांव, जाने कैसे

Coronavirus (Covid-19): शराब उद्योग के संगठन इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने एक रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू कश्मीर और पुद्दुचेरी जैसे राज्यों ने शराब पर 50 प्रतिशत से अधिक कोरोना उपकर लगाया था.

Updated on: 03 Aug 2020, 09:49 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): कई राज्यों ने लॉकडाउन (Lockdown) की पाबंदियों में ढील देने के बाद शराब (Liquor) पर 50 प्रतिशत से अधिक कोरोना उपकर लगाया, वहां मई और जून में शराब बिक्री में औसत 59 प्रतिशत की कमी देखने को मिली। एक रपट में यह दावा किया गया. शराब उद्योग के संगठन इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने एक रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू कश्मीर और पुद्दुचेरी जैसे राज्यों ने शराब पर 50 प्रतिशत से अधिक कोरोना उपकर लगाया था. इन राज्यों में शराब की बिक्री मई में 66 प्रतिशत और जून में 51 प्रतिशत तक कम हुई.

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15 से 50 फीसदी तक लगाया गया था सेस

रिपोर्ट के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, केरल और झारखंड जैसे राज्यों ने 15 से 50 प्रतिशत तक उपकर लगाया था. इन राज्यों में बिक्री में 34 प्रतिशत की औसत गिरावट दर्ज की गयी. हालांकि जिन राज्यों ने 15 प्रतिशत तक का उपकर लगाया था, वहां महज 16 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली. इन राज्यों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, हरियाणा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, गोवा और पंजाब शामिल हैं. राष्ट्रीय स्तर पर, इस साल मई और जून में सालाना आधार पर बिक्री में क्रमश: 25 प्रतिशत और 15 प्रतिशत तक की गिरावट आयी.

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सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरी ने कहा कि शराब उद्योग राज्य सरकारों के राजस्व में करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये का योगदान देता है. हालांकि चालू वित्त वर्ष में इस राजस्व में 25 से 30 प्रतिशत की गिरावट आने वाली है. उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में अधिक कर के कारण शराब की बिक्री में बड़ी गिरावट आयी है. इसके अलावा बार और रेस्तराओं को खोलने में देरी से भी यह स्थिति बिगड़ेगी. शराब की कुल बिक्री में बार और रेस्तरां 10 प्रतिशत तक का योगदान देते हैं. गिरी ने कहा कि अन्य उद्योगों की तुलना में शराब उद्योग को लॉकडाउन से अधिक प्रभावित होना पड़ा है.