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Coronavirus (Covid-19): लॉकडाउन के दौरान गरीबों को नहीं होगी खाने की दिक्कत, गैर सरकारी संगठनों (NGO) को मिली ये बड़ी सुविधा

Coronavirus (Covid-19): एनजीओ (NGO) या धर्मार्थ संगठन अब भारतीय खादय निगम यानी एफसीआई (FCI) से निर्धारित दर पर सीधे गेहूं (Wheat) और चावल (Rice) खरीद सकते हैं.

Updated on: 09 Apr 2020, 10:38 AM

नई दिल्ली:

Coronavirus (Covid-19): देशव्यापी लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के दौरान गरीबों को खाना खिलाने वाले गैर-सरकारी संगठन यानी एनजीओ (NGO) या धर्मार्थ संगठन अब भारतीय खादय निगम (Food Corporation of India) यानी एफसीआई (FCI) से निर्धारित दर पर सीधे गेहूं (Wheat) और चावल (Rice) खरीद सकते हैं.

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केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण (Food Minister) मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) ने ट्वीट के जरिए कहा कि अब देशभर में चल रहे राहत शिविरों के लिए सामाजिक संगठन एक से 10 टन चावल और गेहूं एफसीआई के नजदीकी डिपो से ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के तहत तय दर सीधे खरीद सकते हैं.

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लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को खाद्दान्न उपलब्ध कराया जाए: राम विलास पासवान

पासवान ने कहा कि कई राज्यों एवं सामाजिक संस्थाओं से यह मांग आ रही थी कि लॉकडाउन के मद्देनजर जरूरतमंदों के लिए चलाए जा रहे राहत शिविरों के संचालन के लिए खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए, जिसकी स्वीकृति दे दी गई है. उन्होंने कहा कि संबद्ध जिले के जिलाधिकारी यह सुनिश्चत करेंगे कि सामाजिक संस्थाओं द्वारा ओएमएसएस के तहत तय दरों पर खरीदे गए खाद्यान्न का सही उपयोग हो रहा है और उस क्षेत्र के जरूरतमंद एवं गरीब लोगों को पौष्टिक भोजन मुहैया कराने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है.

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गौरतलब है कि अब तक फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) से ओएमएसएस के तहत सीधे गेहूं खरीदने की अनुमति राज्य सरकारों (State Government) और बड़े पैमाने पर अनाज खरीदने वाले पंजीकृत खरीदार, जैसे रोलर फ्लोर मिलों को दी गई थी.