मार्च में दिखा कोरोना का ट्रेलर, असली लहर तो अभी आनी बाकी है?

Corona Update: शुक्रवार को देशभर में कोरोना के 90 हजार के करीब मामले सामने आए. विशेषज्ञों का कहना है कि मार्च में कोरोना ने अपनी रफ्तार की झलक दिखा दी है और एक अनुमान जताया गया है कि अप्रैल में यह अपने चरम पर होगी.

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Kuldeep Singh
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मार्च में दिखा कोरोना का ट्रेलर, असली लहर तो अभी आनी बाकी है?( Photo Credit : न्यूज नेशन)

कोरोना की दूसरी लहर देशभर में कोहराम मचा रही है. मार्च में कोरोना के मामलों में वृद्धि के लगातार नए रिकॉर्ड बने. अप्रैल में भी हालात इसी तरह है. शुक्रवार को कोरोना के मामलों में एक दिन में ही करीब 10 हजार के तेजी देखने को मिली जो सितंबर 2020 के बाद सबसे ज्यादा है. शुक्रवार को देशभर में कोरोना के 90 हजार के करीब मामले सामने आए. विशेषज्ञों का कहना है कि मार्च में कोरोना ने अपनी रफ्तार की झलक दिखा दी है और एक अनुमान जताया गया है कि अप्रैल में यह अपने चरम पर होगी. अप्रैल के मध्य में कोरोना अपने पीक पर पहुंच जाएगा. मार्च में कोरोना रफ्तार 6.8 फीसदी रही. जबकि इससे पूर्व पिछले साल जून में सर्वाधिक 5.5 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. 

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सितंबर में पीक पर था कोरोना
देश में कोरोना की पहली पीक पिछले साल सितंबर में सामने आई थी. तब 15-16 सितंबर को था, जब 97 हजार से अधिक नए केस सामने आए थे. इसके बाद से नए केस कम होने लगे थे. फरवरी तक राहत देखी जा रही थी मगर मार्च आते ही फिर कोरोना के मामले फिर बढ़ गए. शुक्रवार को देश में करीब 90 हजार मामले सामने आए. अभी इनके लगातार बढ़ने की आसंका जताई जा रही है. 

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इन 11 राज्यों में कोरोना के सबसे अधिक मामले 
देश के 11 राज्यों में कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, केरल, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली तथा हरियाणा के मुख्य सचिवों, स्वास्थ्य सचिवों, पुलिस प्रमुखों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में गौबा ने कहा कि इन राज्यों में स्थिति चिंताजनक है. पिछले 15 दिनों में इन राज्यों में कोरोना के 90 फीसदी संक्रमण और मौतें दर्ज की गई हैं. कई राज्य पिछली पीक को पार कर चुके हैं. कई पीक के करीब पहुंच चुके हैं.

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अप्रैल में अपने पीक पर कोरोना की दूसरी लहर
वैज्ञानिकों ने एक गणितीय मॉडल का इस्तेमाल कर अनुमान जताया है कि देश भर में जारी कोविड-19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएगी, जिसके बाद मई अंत तक संक्रमण के मामलों में काफी गिरावट देखने को मिल सकती है. भारत में कोरोना संक्रमण की पहली लहर के दौरान, 'सूत्र' नाम के इस गणितीय दृष्टिकोण ने अनुमान व्यक्त किया था कि संक्रमण के मामले शुरू में अगस्त में बढ़ेंगे और सितंबर तक चरम पर होंगे और फिर फरवरी 2021 में कम हो जाएंगे. आईआईटी कानपुर के मनिंद्र अग्रवाल समेत अन्य वैज्ञानिकों ने इस मॉडल का प्रयोग संक्रमण के मामलों में वर्तमान वृद्धि की प्रवृत्ति का अनुमान लगाने के लिए किया और पाया कि वैश्विक महामारी की जारी लहर में संक्रमण के रोजाना के नये मामले अप्रैल के मध्य में चरम पर पहुंच जाएंगे. 15 से 20 अप्रैल के बीच कोरोना अपने चरम पर होगी.

HIGHLIGHTS

  • 15 से 20 अप्रैल के बीच चरम पर होगी कोरोना की दूसरी लहर 
  • महाराष्ट्र, एमपी और छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगा लॉकडाउन
  • विशेषज्ञ लॉकडाउन को नहीं मान रहे कोरोना रोकने का प्रभावी इलाज
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