कोरोना का डेल्टा वेरिएंट 100 से अधिक देशों में फैला: WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट 100 से अधिक देशों में फैल गया है
highlights
- WHO ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट 100 से अधिक देशों में फैल गया
- जल्द ही विश्व स्तर पर सबसे प्रमुख COVID19 स्ट्रेन बन जाएगा
- WHO ने कहा संक्रमण के सभी रूपों में डेल्टा सबसे तेजी से फैलता है
नई दिल्ली:
विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि डेल्टा वेरिएंट 100 से अधिक देशों में फैल गया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से यह फैल रहा है वह जल्द ही विश्व स्तर पर सबसे प्रमुख COVID19 स्ट्रेन बन जाएगा. संक्रमण के सभी रूपों में डेल्टा सबसे तेजी से फैलता है. डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने आगे कहा कि WHO के COVID-19 वैक्सीन ग्लोबल एक्सेस (COVAX) कार्यक्रम के माध्यम से भारत को मॉडर्न वैक्सीन की 7.5 मिलियन खुराक की पेशकश की गई है.
यह भी पढ़ेंःहरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकात, जानें क्या हुई बात
कोविड वायरस का डेल्टा वैरिएंट अपने पूर्ववर्ती अल्फा वैरिएंट से 40 से 60 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक है और यह अब तक ब्रिटेन, अमेरिका, सिंगापुर आदि 80 से ज्यादा देशों में फैल चुका है. हाल के एक साक्षात्कार में इंडियन सार्स-कोव-2 जेनोमिक्स कॉन्सॉर्टियम (आईएनएसएसीओजी) के सह-अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा ने वैरिएंट की जांच और उसके व्यवहार के हवाले से मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी)के बारे में चर्चा करते हुए यह बात कही. नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (एनटीएजीआई) के कोविड-19 वकिर्ंग ग्रुप के प्रमुख अरोड़ा ने यह भी कहा कि यह म्यूटेशन स्पाइक प्रोटीन से बना है, जो उसे एसीई2 रिसेप्टर से चिपकने में मदद करता है. एसीआई2 रिसेप्टर कोशिकाओं की सतह पर मौजूद होता है, जिनसे यह मजबूत से चिपक जाता है। इसके कारण यह ज्यादा संक्रामक हो जाता है और शरीर की रोग-
प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने में सफल हो जाता है.
यह भी पढ़ेंःसिद्धू की नियुक्ति से सोनिया ने मुख्यमंत्रियों को दिया संदेश
उन्होंने कहा कि ऐसे अध्ययन हैं, जो बताते हैं कि इस वैरिएंट में ऐसे कुछ म्यूटेशन हैं, जो संक्रमित कोशिका को अन्य कोशिकाओं से मिलाकर रुग्ण कोशिकाओं की तादाद बढ़ाते जाते हैं. इसके अलावा जब ये मानव कोशिका में घुसपैठ करते हैं, तो बहुत तेजी से अपनी संख्या बढ़ाने लगते हैं. इसका सबसे घातक प्रभाव फेफड़ों पर पड़ता है. बहरहाल, यह कहना मुश्किल है कि डेल्टा वैरिएंट से पैदा होने वाली बीमारी ज्यादा घातक होती है. भारत में दूसरी लहर के दौरान होने वाली मौतें और किस आयुवर्ग में ज्यादा मौतें हुईं, ये सब पहली लहर से मिलता-जुलता ही है. कोविड-19 के बी.1.617.2 को डेल्टा वैरिएंट कहा जाता है. पहली बार इसकी शिनाख्त भारत में अक्टूबर 2020 में की गई थी. हमारे देश में दूसरी लहर के लिये यही प्रमुख रूप से जिम्मेदार है. आज नए कोविड-19 के 80 प्रतिशत मामले इसी वैरिएंट की देन हैं. यह महाराष्ट्र में उभरा और वहां से घूमता हुआ पश्चिमी राज्यों से होता हुआ उत्तर की ओर बढ़ा. फिर देश के मध्य भाग में और पूर्वोत्तर राज्यों में फैल गया.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Alia Bhatt: टाइम मैग्जीन के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में आलिया भट्ट ने किया टॉप, खुश हुए फैंस
-
Raveena Tandon On Payment: बॉलीवुड में एक्ट्रेस की फीस को लेकर रवीना टंडन का खुलासा, एक फिल्म से मालामाल हो जाते थे हीरो
-
Bollywood On Ram Lalla Surya Tilak: राम लला के सूर्य तिलक पर झूमे बॉलीवुड स्टार्स, देखें रिएक्शन
धर्म-कर्म
-
Shardiya Navratri 2024 Date: कब से शुरू होगी शारदीय नवरात्रि? जानें सही तिथि और घटस्थापना का मुहूर्त
-
Ram Navami 2024: सोने-चांदी के आभूषण, पीले वस्त्र.... राम नवमी पर रामलला को पहनाया गया सबसे खास वस्त्र
-
Ram Lalla Surya Tilak: इस तरह हुआ राम लला का सूर्य तिलक, इन 9 शुभ योग में हुआ ये चमत्कार
-
Ram Lalla Surya Tilak Types; राम लला को कितनी तरह के तिलक किए जाते हैं ,जानें उनका महत्व