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भारत में कोरोना ने पार किया 1 करोड़ का आंकड़ा, वैक्सीन का अब भी इंतजार

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार फैल रहा है. कोविड-19 संक्रमण ने भारत में एक करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है.

Updated on: 19 Dec 2020, 09:35 AM

नई दिल्ली:

भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार फैल रहा है. कोविड-19 संक्रमण ने भारत में एक करोड़ का आंकड़ा पार कर लिया है. दुनियाभर के कोरोना मरीजों के आंकड़े इकट्ठा करने वाली वेबसाइट worldometers.info के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के कुल मरीजों की संख्या एक करोड़ के आंकड़े के पार करते हुए 10,004,825 पहुंच चुकी है. जबकि इस घातक वायरस से देश में अब तक 1 लाख 45 हजार से ज्यादा मरीजों की मौत हो गई है. 

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वेबसाइट के आंकड़े के मुताबिक, भारत में कोरोना के मरीजों की कुल संख्या 10,004,825 है, जिसमें से फिलहाल 309,731 सक्रिय मामले हैं. देश में अब तक कोरोना वायरस से मरने वाले मरीजों की संख्या 145,171 पहुंच गई है. हालांकि 9,549,923 मरीज अब तक इलाज के बाद संक्रमणमुक्त हो चुके हैं. कोरोना वायरस के मामलों में अमेरिका के बाद दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर है. 

महामारी के फैलते प्रकोप के बीच देश की जनता को कोरोना वायरस के टीके का बेसब्री से इंतजार है, मगर वैक्सीन अब भी दूर की कौड़ी बनी हुई है. हालांकि देश में कई कोविड-19 टीकों के विकास का काम जारी है और उनके नतीजे अच्छे आ रहे हैं. भारत में कोविड-19 के 6 टीकों के परीक्षण चल रहे हैं. इसमें आईसीएमआर के साथ तालमेल से भारत में बायोटेक द्वारा विकसित टीका, जायडस कैडिला, जेनोवा, ऑक्सफोर्ड के टीके पर परीक्षण चल रहा है. रूस के गमालेया राष्ट्रीय केंद्र के साथ तालमेल से हैदराबाद में डॉ रेड्डी लैब में स्पूतनिक वी के टीके और एमआईटी, अमेरिका के साथ तालमेल से हैदराबाद में बायोलोजिकल ई लिमिटेड द्वारा विकसित टीका भी शामिल हैं.

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सरकार जल्द ही कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने के लिए तैयारी कर रही है. टीकाकरण के पहले चरण के तहत करीब 30 करोड़ आबादी का टीकाकरण करने की योजना है. हर सत्र में 100 से 200 लोगों का टीकाकरण हो सकेगा. दिशानिर्देशों के मुताबिक टीकाकरण के लिए कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (को-विन) सिस्टम के जरिए प्राथमिकता वाले लोगों की पहचान की जाएगी. आरंभिक चरण में कोविड-19 के टीके स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले प्राथमिकता समूह को दिए जाएंगे. टीके की उपलब्धता के आधार पर 50 से ज्यादा उम्र वालों को भी इसकी खुराक दी जा सकती है.