कोरोना वायरस (Corona Virus) ने चीन के बाद अब भारत में भी अपना कहर दिखाना शुरू कर दिया है. नोएडा और आगरा में नए मामले सामने के बाद अब भारत ने कोरोना वायरस को लेकर सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. केंद्र सरकार (Government of India) ने 25 से ज्यादा दवाइयों और फॉर्मूलेशंस के एक्सपोर्ट पर तत्काल पाबंदी लगा दी है. सरकार ने यह कदम अहतियात के तौर पर उठाया है.
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दरअसल चीन में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद दवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले रॉ मेटेरियल के आयात में कमी आई है. इससे दवाओं को प्रोडक्शन रुक गया है. अब भारत ने अहतियात के तौर पर पैरासिटामोल, टिनिडाजोल, मेट्रोनिडाजोल, विटामिन B1, B6, B12, प्रोजेस्टेरोन जैसी दवाओं के निर्यात पर रोक लगा दी है. इसको लेकर विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने मौजूदा एक्सपोर्ट पालिसी में बदलाव के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
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सरकार ने लगाई एपीआई एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध
भारत सरकार ने पैरासीटामोल समेत दवाएं बनाने में इस्तेमाल होने वाले 26 फॉर्मूलेशन और एक्टिव फार्मास्यूटिकल्स इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. चीन समेत अन्य देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने की वजह से यह फैसला लिया गया.
टिनिडेजॉल, मेट्रोनाइडेजॉल, विटामिन बी1, बी6, बी12 और प्रोजेस्टेरॉन बनाने में काम आने वाले फॉर्मूलेशन के एक्सपोर्ट पर भी रोक लगाई गई है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने मंगलवार को इसका नोटिफिकेशन जारी किया. यह तुरंत प्रभाव से लागू हो गया है.
इन 26 एपीआई, फॉर्मूलेशन एक्सपोर्ट लगाई रोक
- पैरासिटामॉल
- टिनिडेजॉल
- मेट्रोनाइडेजॉल
- एसायक्लोविर
- विटामिन बी1
- विटामिन बी6
- विटामिन बी12
- प्रोजेस्टेरॉन
- क्लोरेमफेनिकॉल
- इरिथ्रोमाइसिन सॉल्ट
- निओमाइसिन
- क्लिंडामाइसिन सॉल्ट
- ऑर्निडेजॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ प्रोजेस्टेरॉन
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ निओमाइसिन
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ ऑर्निडेजॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ क्लोरेमफेनिकॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ इरिथ्रोमाइसिन सॉल्ट
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ क्लिंडामाइसिन सॉल्ट
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ विटामिन बी1
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ विटामिन बी12
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ विटामिन बी6
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ मेट्रोनाइडेजॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ टिनिडेजॉल
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ एसायक्लोविर
- फॉर्मूलेशन मेड ऑफ पैरासिटामॉल
दुनिया की फार्मा इंडस्ट्री में बड़ा नाम रखता है भारत
फार्मास्यूटिकल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (Pharmexcil) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018-19 में भारत से दवाओं का कुल एक्सपोर्ट 1900 करोड़ डॉलर (करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये) था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मांग के आधार पर डीपीटी और बीसीजी के लिए करीब 65 फीसदी दवाएं भारत में बनती हैं और खसरा के 90 फीसदी टीके भारत बनाता है. जेनेरिक दवाएं बनाने वाली दुनिया की शीर्ष 20 कंपनियों में आठ कंपनियां भारत की हैं.
Source : News Nation Bureau