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कोरोना वायरस( Photo Credit : फाइल फोटो)
देश में कोरोना के मरीजों की संख्या कम होने का नाम नही ले रही. एक बार फिर कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में भारी उछाल देखा गया है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 69,921 नए मामले सामने आए हैं जबकि 819 लोगों की मौत हो गई है. इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 36,91,167 हो गई है. इनमें से 7,85,996 अभी भी सक्रिय हैं जबकि 28,39,883 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. वहीं 65,288 लोगों की मौत हो चुकी है.
Single-day spike of 69,921 new positive cases & 819 deaths reported in India, in the last 24 hours.#COVID19 case tally in the country stands at 36,91,167 including 7,85,996 active cases, 28,39,883 cured/discharged/migrated & 65,288 deaths: Health Ministry pic.twitter.com/uQYh0ViARW
— ANI (@ANI) September 1, 2020
बता दें, एक वेबीनार के माध्यम से बताया गया कि कैसे संसाधनों के अभाव में कमजोर वर्ग के बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. बेघर, प्रवासी और सड़कों पर रहने वाले बच्चों के सामने सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती होती है. यह हालात महामारी के दौरान कई गुना बढ़ गए. जामिया विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ सोशल वर्क और सेंटर फॉर अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेंट एंड रिसर्च ने संयुक्त रूप से इस राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया.
जामिया की कुलपति, प्रो नजमा अख्तर ने कहा, "कोविड -19 के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद, दैनिक और प्रवासी मजदूरों को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान हुआ. इसके अलावा, पोस्ट लॉकडाउन में ऑनलाइन शिक्षा शुरू हुई, लेकिन इसके लिए इन गरीब बच्चों के लिए कोई तैयारी नहीं थी, क्योंकि उनके पास स्मार्ट फोन और अन्य जरूरी गैजेट्स जैसे साधन नहीं थे. इससे बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से वंचित रह गए. " प्रोफेसर अख्तर ने सरकार से ऐसे बच्चों के लिए जरूरी कदम उठाने की अहमियत पर जोर दिया. उन्होंने कहा, "भारत में बच्चों की सबसे अधिक आबादी है, इसलिए उन पर ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है. "
Source : News Nation Bureau