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पीएम नरेंद्र मोदी( Photo Credit : फाइल)
कोरोनावायरस (Corona Virus) ने पिछले कुछ समय से पूरी दुनिया में खलबली मचा रखी है. इस समय कोरोनावायरस (Corona Virus) का खौफ दुनियाभर के सिर चढ़कर बोल रहा है. ऐसे में भारत भी इस महामारी से अछूता नहीं है. देश में कोविड -19 (COVID-19) के संक्रमण के चलते पिछले 24 घंटों के दौरान देश में कोरोनावायरस (Corona Virus) के संक्रमण के 678 नए मामले आए हैं. अभी तक कोरोना वायरस के संक्रमण ने देश के 199 लोगों की जिंदगियां छीन ली हैं. वहीं अब तक कुल 6412 लोग इस वायरस की जद में आ चुके हैं.
जब कोरोना के आतंक से अमेरिका और इटली जैसे देशों में लाशें गिर रही थीं उसी समय भारत ने अपनी तैयारियों से पूरी दुनिया को अपना मुरीद बना लिया है. अमेरिका, ब्रिटेन और इटली सहित विश्व के कई देश भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तैयारियों के मुरीद हो गए हैं. पूरी दुनिया इस बात को लेकर परेशान है कि आखिर जब अमेरिका जैसा देश कोरोना वायरस के संक्रमण के सामने अपने घुटने टेक चुका है तब ऐसे में भारत ने कैसे इस महामारी को काबू में किया. आपको बता दें कि भारत अभी भी कोरोना वायरस जैसी महामारी का मजबूती से मुकाबला कर रहा है.
भारत की तैयारियों को देखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) पहले ही कह चुका है कि भारत के पास ही वो ताकत है जिसके दम पर वह कोरोना को आसानी से शिकस्त दे देगा. भारत में प्रति 10 लाख में सिर्फ 3.8 फीसदी मामले ही कोरोना संक्रमण के हैं. ऐसे में दुनिया में भारत की छवि औरों के मुकाबले कहीं ज्यादा बेहतर आंकी जा रही है. अभी तक पूरी दुनिया में 11 लाख से भी ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 4368 लाख केवल अमेरिका से ही हैं. जबकि दुनियाभर में 16700 लोगों ने इस महामारी से अपनी जान गंवा दी है.
आइए आपको बताते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए क्या-क्या उपाय किए हैं.
1- पहले यूरोपीय देशों में पहुंचा था कोरोना वायरस, जिससे भारत को मिला समय
जब कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर को तबाह कर रहा था तभी भारत ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाहर से आने वालों की देश में इंट्री से रोक लगाई थी. चीन में जिस तेजी से कोरोना वायरस बढ़ा उसके बाद उसने तुरंत वहां पर लॉकडाउन कर दिया. वहीं जब ये वायरस यूरोप की ओर बढ़ा तो इसकी भयावहता का अंदाजा लग गया था. इस बीच भारत को इस वायरस के देश में आने से पहले ही तैयारी करने का मौका मिल गया. हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने नवंबर 2019 में ही अमेरिका को इस खतरे से आगाह किया था लेकिन अमेरिका ने सोचा कि चीन उसकी सीमा से बहुत दूर है इसलिए उसे कोरोना से कोई खतरा नहीं है.
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2- पीएम मोदी ने देश में सही टाइम पर किया लॉकडाउन
शुरुआत में जब भारत में जब कोरोना वायरस संक्रमण के बहुत कम मामले ही सामने आए थे कि तभी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला ले लिया. वहीं दुनिया के अन्य देशों की बात करें तो वो इस वायरस को पहचानने में काफी देर कर चुके थे. जैसे ही कोरोना वायरस का शुरुआती मामला आया तभी भारत ने सख्ती बरतते हुए पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन का आदेश दे दिया. इस लॉक डाउन से भारत में कोरोना की चेन तोड़ने में भारत को आसानी हुई. आपको बता दें कि भारत सरकार ने 24 मार्च को 21 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन का आदेश दे दिया था.
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3- भारत के पास है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा
भारत में मच्छरों का होना ही भारत के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने का वरदान बन गया. वैज्ञानिक शोध में पता चला है कि मलेरिया के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा कोरोना वायरस के मरीजों के लिए भी काफी मददगार है. यह दवा मनुष्यों की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देती है. इस दवा की दुनिया भर में इतनी डिमांड हुई की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी पीएम मोदी से इस दवा की मांग करनी पड़ी. भारत की ये दवा मौजूदा समय में पूरे विश्व के लिए संजीवनी साबित हुई है.
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4- भारतीय डॉक्टरों को दी गई विशेष तरह की ट्रेनिंग
कोरोना वायरस को रोकने के लिए अभी तक किसी भी देश में कोई वैक्सीन नहीं तैयार हुई है. ऐसे मुश्किल वायरस से लड़ने में भी भारती डॉक्टरों ने शानदार कामयाबी पाई है. इसके पीछे इन डॉक्टरों को दी गई ट्रेनिंग का कमाल है. अगर आज की तारीख में भारत कोरोना से जंग में सबसे आगे है तो इसमें भारतीय डॉक्टरों का भी बड़ा योगदान है. जब भारत में कोरोना के मामले आने भी शुरू नहीं हुए थे तभी से यहां के डॉक्टरों को हर दिन 100 मरीजों के आने की ट्रेनिंग दी जाने लगी थी.
Source : News Nation Bureau