logo-image

देश में अब भी कोरोना का कहर जारी, 40 हजार के पार पहुंचा आंकड़ा; 10887 मरीज हुए ठीक

देश में लगातार कोरोना वायरस (Corona Virus) का कहर जारी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में कोरोना के केस 40 हजार के पार हो गया है यानी 40,263 मरीज कोरोना संक्रमित हैं, जिसमें 10887 लोग ठीक होकर घर चले गए हैं.

Updated on: 03 May 2020, 07:35 PM

नई दिल्ली:

देश में लगातार कोरोना वायरस (Corona Virus) का कहर जारी है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में कोरोना के केस 40 हजार के पार हो गया है यानी 40,263 मरीज कोरोना संक्रमित हैं, जिसमें 10887 लोग ठीक होकर घर चले गए हैं, लेकिन अभी भी 28,070 सक्रिय मामले हैं. वहीं, अबतक कोविड-19 से 1306 मरीजों की मौत हो चुकी है. पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2487 नए केस सामने आए हैं, जबकि 83 संक्रमित लोगों ने दम तोड़ दिया है.

अधिक छूट के साथ लॉकडाउन 3.0 सोमवार से शुरू, कुछ पाबंदियां जारी रहेंगी

राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के सोमवार से शुरू हो रहे तीसरे चरण में और अधिक छूट दी जाएगी, लेकिन निषिद्ध क्षेत्रों में पाबंदियां जारी रहेंगी ताकि कोविड-19 के खिलाफ अब तक हासिल की गई उपलब्धियां बेकार न हो जाएं. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के आधार पर पूरे देश को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है- ‘रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन’. लॉकडाउन 3.0 चार मई से लेकर 17 मई तक है. देश में 25 मार्च से लागू लॉकडाउन का पहला चरण 14 अप्रैल तक था, जिसे बाद में बढ़ा कर तीन मई तक कर दिया गया था.

यह भी पढे़ंःआतंकवादियों के पीछे 28 अप्रैल से पड़ी थी सेना, यहां जानें हंदवाड़ा मुठभेड़ की पूरी कहानी

केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, चाहे कोई भी जोन हो, वहां हवाई, रेल, मेट्रो यात्रा ; सड़क मार्ग से अंतर-राज्यीय आवागमन ; स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थान, प्रशिक्षण एवं कोचिंग संस्थान ; होटल एवं रेस्तरां सहित आतिथ्य सत्कार सेवाएं बंद रहेंगी. सार्वजनिक रूप से एकत्र होने के स्थान- जिम, थियेटर, मॉल, सिनेमा हॉल, बार बंद रहेंगे और धार्मिक, सामाजिक तथा राजनीतिक सभाएं करने की अनुमति नहीं होंगी. हालांकि, निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर सभी जोन में गैर-आवश्यक गतिविधियों के लिये लोगों की आवाजाही की इजाजत होगी, लेकिन यह शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक सख्ती होगी.

ग्रीन और ऑरेंज जोन में नाई की दुकान, स्पा और सैलून खोले जाने की इजाजत होगी. साथ ही, ई-कॉमर्स कंपनियां भी गैर-आवश्यक वस्तुएं बेच सकती हैं. निषिद्ध क्षेत्रों, मोहल्ले की इकलौती दुकान, बाजार या मॉल को छोड़ कर शराब की बिक्री की कुछ शर्तों के साथ सभी जोन मे इजाजत होगी. सभी जोन में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं और 10 साल से कम उम्र के बच्चे आवश्यक एवं स्वास्थ्य उद्देश्यों को छोड़ कर घरों के अंदर ही रहेंगे. कुछ चयनित उद्देश्यों के लिये विमान, रेल और सड़क मार्ग से लोगों की आवाजाही की इजाजत होगी.

केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा इजाजत प्राप्त उद्देश्यों के लिये भी आवाजाही की इजाजत होगी. निषिद्ध क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी और आवश्यक सेवाएं उनके घर पर पही उपलब्ध कराई जाएंगी. जिन गतिविधियों को इजाजत प्राप्त है उनमें शामिल हैं :सभी जोन में लोगों के बीच दूरी बनाए रखते हुए और अन्य एहतियातों के साथ बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) और मेडिकल क्लीनिक । हालांकि, निषिद्ध क्षेत्रों में इसकी इजाजत नहीं होगी.

यह भी पढे़ंःग्रेटर नोएडा : लॉक डाउन का उल्लंघन करने पर तबलीगी जमात के 23 लोगों पर FIR दर्ज

सभी माल परिवहन की इजाजत होगी और कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश पड़ोसी देशों के साथ हुई संधियों के तहत जमीनी सीमा से माल ढुलाई को नहीं रोकेगा. रेड जोन में (निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर), कुछ अतिरिक्त गतिविधियों पर पाबंदी होगी- रिक्शा और ऑटो रिक्शा, टैक्सी और कैब सेवाएं; अंत-जिला एवं अंतर-जिला बसें ; नाई की दुकान, स्पा और सैलून. पाबंदियों के साथ रेड जोन में कुछ अन्य गतिविधियों की भी इजाजत होगी. लोगों की आवाजाही और इजाजत प्राप्त गतिविधियों के लिये वाहन- चार पहिया वाहन में चालक के अलावा अधिकतम दो व्यक्ति, दो पहिया वाहन पर पीछे कोई व्यक्ति नहीं बैठा हो.

रेड जोन में, ई कॉमर्स कंपनियों को सिर्फ आवश्यक वस्तुएं बेचने की इजाजत होगी. नाई की दुकान और सैलून खोलने की इजाजत नहीं होगी. शराब की सभी दुकानों में, ग्राहकों के बीच कम से कम छह फुट (दो गज) की दूरी रखनी होगी और एक समय पर पांच से अधिक लोग नहीं होंगे. रेड जोन में घरेलू सहायक/सहायिका के विषय पर, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) को फैसला करना है कि बाहरी लोगों को इजाजत दी जाएगी या नहीं. यदि आरडब्ल्यूए इजाजत देते हैं तो घरेलू सहायक/सहायिका और नियोक्ता को स्वास्थ्य से जुड़े नियमों का पालन करना होगा तथा यदि कुछ अनिष्ट हुआ, तो इसकी जिम्मेदारी उस व्यक्ति की होगी जिसने उसे रखा है.

विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), निर्यात उन्मुखी इकाइयां (ईओयू), औद्योगिक एस्टेट और औद्योगिक टॉउनशिप में निषिद्ध क्षेत्र को छोड़ कर सभी क्षेत्रों को संचालित होने की इजाजत होगी. रेड जोन में निजी कार्यालय में 33 प्रतिशत तक कर्मचारी हो सकते हैं, जबकि शेष कर्मचारी घर से काम करेंगे. ऑरेंज जोन में रेड जोन में इजाजत प्राप्त सभी गतिविधियां (निषिद्ध क्षेत्र के बाहर) और टैक्सी एवं कैब सेवाएं (चालक के अलावा सिर्फ दो यात्री) की इजाजत होगी. इजाजत प्राप्त गतिविधियों के लिये लोगों की अंतर-जिला गतिविधियां, चार पहिया वाहन में चालक के अलावा दो यात्री, दोपहिया वाहन पर पीछे भी बैठने की इजाजत होगी.

हालांकि, बसों की अंतर एवं अंत: जिला गतिविधियों गृह मंत्रालय से इजाजत प्राप्त गतिविधियों को छोड़ कर प्रतिबंधित होंगी. ग्रीन जोन में सभी गतिविधियों की इजाजत होगी, सिवाय देश भर में निषिद्ध गतिविधियों को छोड़ कर. हालांकि, बसें 50 फीसदी सीटों पर यात्री के साथ ही चल सकती हैं. ‘रेड’, ‘ओरेंज’ और ‘ग्रीन’ जोनों का वर्गीकरण कोविड-19 के खतरे के आधार पर किया गया है. किसी जिले को ‘ग्रीन जोन’ समझा जायेगा, यदि वहां अब तक या पिछले 21 दिन में कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार तक देश में 130 ‘रेड जोन’ हैं. ये सबसे अधिक 19 उत्तर प्रदेश में है. इसके बाद महाराष्ट्र (14) का स्थान है. ‘ओरेंज जोन’ की संख्या 284 और ‘ग्रीन जोन’ की संख्या 319 है. राष्ट्रीय राजधानी में सभी जिलों को ‘रेड’ जोन के तहत रखा गया है. रेड जोन के बाहर निषिद्ध क्षेत्रों में (पाबंदियों के साथ) जिन चीजों की अनुमति हैं, वे इस प्रकार है: शहरी क्षेत्र: शहरी इलाकों में दवा, चिकित्सा उपकरण आदि जैसी आवश्यक वस्तुओं का विनिर्माण और इनकी आपूर्ति, आईटी हार्डवेयर, जूट उद्योग, निर्माण (बशर्ते श्रमिक कार्य स्थल पर रहते हो).

ग्रामीण क्षेत्रों में जिन गतिविधियों की अनुमति दी गई है, वे इस प्रकार है: सभी औद्योगिक और निर्माण गतिविधियां, शॉपिंग मॉल को छोड़ कर सभी दुकानें, सभी कृषि, पशुपालन और वृक्षारोपण गतिविधियां, स्वास्थ्य सेवाएं, बैंकों समेत वित्तीय सेक्टर, कूरियर और डाक सेवाएं, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, आईटी, आईटीईएस आदि की अनुमति दी गई है. हालांकि, राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें/प्रशासन अपने आकलन के आधार पर कुछ पाबंदियां लगा सकते हैं.