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Corona virus: वुहान में भारत के विमान भेजने को मंजूरी देने में देरी कर रहा है चीन: आधिकारिक सूत्र

कोरोना वायरस (Corona virus) से प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर जाने और वुहान में रह रहे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का विमान भेजने के भारत के प्रस्ताव को मंजूरी देने में चीन देरी कर रहा है.

Updated on: 22 Feb 2020, 05:13 PM

दिल्ली:

Corona virus: कोरोना वायरस (Corona virus) से प्रभावित लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर जाने और वुहान में रह रहे भारतीयों को वापस लाने के लिए भारतीय वायु सेना का विमान भेजने के भारत के प्रस्ताव को मंजूरी देने में चीन (China) देरी कर रहा है. आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. भारत को कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित चीनी शहर वुहान में 20 फरवरी को सी-17 सैन्य विमान भेजना था लेकिन जरूरी अनुमति न मिलने के कारण विमान उड़ान नहीं भर सका. एक उच्च स्तरीय सूत्र ने कहा, ‘‘चीन नागरिकों को वापस निकालने के लिए उड़ान को मंजूरी देने में जानबूझकर विलंब कर रहा है.’’

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आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जापान, यूक्रेन और फ्रांस की उड़ानों को 16 से 20 फरवरी के बीच संचालन की अनुमति दी गई थी, लेकिन भारत के अनुरोध को अभी तक मंजूरी नहीं मिली. उन्होंने कहा कि भारत ने वुहान से भारतीयों को वापस लाने के लिए विशेष विमान भेजने को लेकर 13 फरवरी को चीन से अनुरोध किया था, जिसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली है. वहीं, चीनी दूतावास के एक प्रवक्ता ने संपर्क किये जाने पर कहा कि भारतीय विमान को वुहान पहुंचने में अनुमति देने में जानबूझकर कोई देरी नहीं की गई.

प्रवक्ता ची रोंग ने कहा, ‘‘हुबेई प्रांत में महामारी की मौजूदा स्थिति जटिल है और कोविड-19 का रोकथाम एवं नियंत्रण अहम चरण में पहुंच गया है. ऐसी कोई बात नहीं है कि चीन विमान को मंजूरी देने में जानबूझकर विलंब कर रहा है.’’ सूत्रों ने बताया कि वुहान में भारतीय नागरिकों का विमान के लिए लंबा इंतजार बना हुआ है. देरी से उन्हें नुकसान हो रहा है और भारत में उनके परिवार के सदस्य मानसिक रूप से काफी परेशान हैं. विमान को चीन में चिकित्सा आपूर्ति का बड़ा जखीरा लेकर जाना था और वुहान से भारतीयों को वापस लाना था.

सूत्रों ने बताया कि चीन लगातार कह रहा है कि विमान को मंजूरी देने में कोई देरी नहीं हुई लेकिन उसने ‘‘बिना स्पष्ट कारण’’ बताए मंजूरी नहीं दी है. इस महीने की शुरुआत में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को लिखे पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत कोरोना वायरस की चुनौती से निपटने में चीन के लोगों और सरकार के प्रति एकजुट है और देश को सहायता मुहैया कराने की पेशकश दी. मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘‘मुसीबत की घड़ी में दूसरों की मदद करने के हमारे लोकाचार को देखते हुए राहत सामग्री की पेशकश की गई जबकि भारत में खुद इनकी भारी कमी है.’’ जिन सामान की आपूर्ति की जानी है उनमें दस्ताने, सर्जिकल मास्क, फीडिंग पम्प और डिफिब्रिलेटर्स हैं जिनकी जरूरत का संकेत चीन ने दिया था.

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रोंग ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘चीन हमेशा अपने देश में रह रहे भारतीय नागरिकों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को बड़ी महत्ता देता है और उसने भारतीय नागरिकों की वापसी के लिए सहायता मुहैया कराई.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जमीनी हालात का सावधानीपूर्वक आकलन कर रहे हैं. दोनों देशों के सक्षम विभाग इस संबंध में संपर्क और समन्वय रख रहे हैं.’’ एअर इंडिया ने दो अलग-अलग उड़ानों में वुहान से पहले ही करीब 640 भारतीयों को निकाल लिया था.

एक अनुमान के मुताबिक, वुहान में अभी 100 से अधिक भारतीय रह रहे हैं. कई देशों ने चीन से अपने नागरिकों को निकाल लिया है और वहां कोरोना वायरस के मद्देनजर लोगों और सामान की आवाजाही पर रोक लगा दी है. उन्होंने बताया कि फ्रांस समेत अन्य देशों की राहत सामग्री लेकर और लोगों को निकालने के लिए उड़ानों को मंजूरी दी गई लेकिन भारत के मामले में अनुमति नहीं दी गई. इस मामले के जानकार एक व्यक्ति ने कहा, ‘‘क्या वे भारत की ओर से मुहैया कराई जा रही सहायता लेने के इच्छुक नहीं हैं? वे वुहान से हमारे नागरिकों को वहां से निकालने में रोड़ा क्यों अटका रहे हैं.’’