शरीर के इस अंग पर लगेगा कोरोना वैक्सीन का टीका, फाइनल स्टेज में पहुंची कंपनियां
देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामले 12 लाख के पार जा चुके हैं. कोरोना वायरस के मामले देश में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. अब दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए वैक्सीन (Corona Vaccine) और ड्रग बनाने में जुटे हुए हैं.
नई दिल्ली:
देश में कोरोना वायरस (Corona Virus) के मामले 12 लाख के पार जा चुके हैं. कोरोना वायरस के मामले देश में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. अब दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए वैक्सीन (Corona Vaccine) और ड्रग बनाने में जुटे हुए हैं. दुनियाभर में लगभग 100 से ज्यादा कंपनियां कोरोना की वैक्सीन तैयार करने में जुटी हुई हैं. इनमें से 19 कंपनियां तीसरे लेवल के ट्रायल तक भी पहुंच चुकी है. भारत में दो वैक्सीन पर ट्रायल भी चल रहा है.
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अगले साल आ सकती है कोरोना वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन के ट्रायल बंदर और खरगोशों पर सफल रहे हैं. अब इसका ट्रायल इंसानों पर भी शुरू हो चुका है. वैज्ञानिकों की मानें तो अगर इसका ट्रायल इंसानों पर सफल रहा तो इस साल के अंत तक या फिर 2021 के शुरूआत में ही कोरोना वैक्सीन आ सकती है लेकिन उससे भी पहले विश्व की दो अग्रिणी कंपनियां बिल्कुल फाइनल स्टेज में कदम रख चुकी हैं. सूत्रों के मुताबिक आपको बता दे की ब्रिटेन की जानी-मानी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोविड-19 वैक्सीन का पहला ह्यूमन ट्रायल सफल हो गया है.
वैक्सीन के आए कई चौंकाने वाले नतीजे
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन के कई चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. ट्रायल में शामिल किए गए वॉलंटियर्स में वैक्सीन से वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित हुई है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक वैक्सीन ChAdOx1 nCoV-19 (AZD1222) के पूरी तरह सफल होने को लेकर आश्वस्त हैं. इस वैक्सीन को तैयार करने वाली कंपनी का कहना है कि सितंबर 2020 तक ये वैक्सीन लोगों को उपलब्ध करा दी जाएगी. इस वैक्सीन का उत्पादन AstraZeneca कर रही है. भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) भी इस परियोजना में शामिल है.
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नाक पर लगेगा टीका
जानकारी के मुताबिक कोरोना वैक्सीन का टीका नाक में लगाया जा सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनोवायरस सहित कई रोगाणु, म्यूकोसा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं, गीले, स्क्विशी ऊतक जो नाक, मुंह, फेफड़े और पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं. आम तौर पर टीके शरीर के ऊपरी हिस्सों पर लगाए जाते हैं. जैसे हाथ के ऊपरी हिस्सों में. मगर हर वायरस की अपनी अलग प्रवृत्ति होती है. इसके बचाव और तुरंत लाभ के लिए नाक के जरिए अगर वैक्सीन अंदर जाएगी तो सीधे इस वायरस पर अटैक करेगी और उसको खत्म करेगी.
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