कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत में फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक द्वारा कोविड-19 टीके के आपात उपयोग की मंजूरी मांगी थी. इसे लेकर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की विशेषज्ञ समिति आज विचार करने वाली है. फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट पहले ही सरकार से अनुमित मांग चुके हैं जबकि हैदराबाद की फार्मास्युटिकल कंपनी भारत बायोटेक ने सोमवार को अपने कोविड-19 रोधी टीके 'कोवैक्सीन' के आपात उपयोग की स्वीकृति हासिल करने के लिए केंद्रीय औषधि नियामक के सामने आवेदन किया है.
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3 कंपनियों ने मांगी है इस्तेमाल की इजाजत
कोवैक्सीन टीके का विकास भारत बायोटेक द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर स्वदेश में किया जा रहा है. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चार दिसंबर को हुई सर्वदलीय बैठक में भी उम्मीद जताई थी कि जल्द ही कोरोना की वैक्सीन तैयार हो सकती है. उसी दिन अमेरिका की दवा कंपनी फाइजर की ओर से सरकार से वैक्सीन के इमरजेंसी उपयोग की इजाजत मांगी गई थी. फाइजर को ब्रिटेन और बहरीन में पहले ही मंजूरी मिल चुकी है.
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30 करोड़ भारतीयों की बन गई लिस्ट
भारत में कोरोना के टीकाकरण के लिए सरकार की ओर से 30 करोड़ भारतीयों की एक लिस्ट बनाई गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक 'राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह ने 30 करोड़ भारतीयों को पहले वैक्सीन शॉट्स देने की सिफारिश की है. आंकड़ों में 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 27 करोड़ आम लोगों को शामिल किया गया है, जो एक्सपर्ट ग्रुप द्वारा तय किए गए हैं.' स्वास्थ्य सेवाओं की सेटिंग में एक करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स और श्रमिकों, दोनों सरकारी और निजी, राज्य और केंद्रीय पुलिस विभागों के 2 करोड़ कर्मियों, सशस्त्र बलों, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा संगठनों, जिनमें आपदा प्रबंधन स्वयंसेवक और नगरपालिका कार्यकर्ता, और 27 करोड़ से ऊपर लोग शामिल हैं.
Source : News Nation Bureau