logo-image

कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल को मिली अनुमति

कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल को मिली अनुमति

Updated on: 01 Jan 2021, 06:21 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वैक्सीन को लेकर नववर्ष पर सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की अहम बैठक हुई. इस बैठक में ऑक्सफोर्ड एस्ट्रेजेनेका की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को इमरजेंसी मंजूरी देने पर विचार-विमर्श किया गया. इसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट की ओर से बनाई जा रही कोविशील्ड वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई. ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए विशेष पैनल ने इस पर फैसला लिया है.

केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की Covid-19 पर एक विशेषज्ञ समिति ऑक्सफोर्ड के कोरोना रोधी टीके कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने के लिए सिफारिश करने की तैयारी में है. आपको बता दें कि ब्रिटेन दुनिया का पहला देश है जिसने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति दे दी है. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट पहले ही इस वैक्सीन के पांच करोड़ डोज तैयार कर चुकी है. इंडिया में इस वैक्सीन का नाम Covishield रखा गया है.

कोविडशील्ड वैक्सीन की 4-5 करोड़ खुराक का उत्पादन कर लिया गया है: सीरम इंस्टिट्यूट 

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अब तक ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका कोविड-19 टीके की करीब पांच करोड़ खुराक का उत्पादन कर चुकी है. कंपनी ने सोमवार को कहा कि उसका लक्ष्य अगले साल मार्च तक 10 करोड़ खुराक के उत्पादन का है कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने संवाददाताओं को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अभी हमें इस टीके के आपात इस्तेमाल के अधिकार की मंजूरी का इंतजार है. 

कंपनी ने बच्चों के लिए देश में पहली बार बनी वैक्सीन न्यूमोसिल पेश की है. कंपनी ने कहा कि कोविड-19 के टीके का उत्पादन सरकार की ओर से आने वाली कुल मांग पर निर्भर करेगा. भारत में तत्काल कोविड-19 वैक्सीन पेश करने की जरूरत के मद्देनजर एसआईआई ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय तथा एस्ट्रोजेनका के साथ कोविशील्ड के विनिर्माण के लिए भागीदारी की थी.

पुणे की कंपनी ने कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल के लिए भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) के पास आवेदन किया था. पूनावाला ने कहा था कि हम पहले ही टीके की 4 से 5 करोड़ खुराक का विनिर्माण कर चुके हैं. लॉजिस्टिक्स के मुद्दों की वजह से शुरुआत में टीके को पेश करने की रफ्तार धीमी रहेगी. हालांकि, एक बार चीजें व्यवस्थित होने के बाद हम तेजी से टीका उतार सकेंगे. उन्होंने कहा कि कंपनी की योजना अगले साल मार्च तक टीके का मासिक उत्पादन 10 करोड़ खुराक तक करने की है.