दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले हुई कोरोना पॉजिटिव फरियादी की मौत, जानिए क्या है मामला

घरवालों ने याचिका आरोप लगाया है कि वहां हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही से वो कोरोना पॉजिटिव हो गए.

घरवालों ने याचिका आरोप लगाया है कि वहां हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही से वो कोरोना पॉजिटिव हो गए.

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Dalchand Kumar
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Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले हुई कोरोना पॉजिटिव फरियादी की मौत( Photo Credit : फाइल फोटो)

75 साल के कोरोना पॉजिटिव मोतीराम गोयल को जब कई अस्पतालों में धक्के खाने के बाद भी बेड नहीं मिल पाया, तो उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का रुख किया. लेकिन हाईकोर्ट में सुनवाई हो पाती, उससे पहले ही उनकी मौत हो गई. दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका में घरवालों ने आरोप लगाया है कि बुजर्ग मोती राम गोयल को हाई ब्लेड प्रेशर की शिकायत के बाद 25 मई को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. घरवालों ने याचिका आरोप लगाया है कि वहां हॉस्पिटल प्रबंधन की लापरवाही से वो कोरोना पॉजिटिव हो गए. इसके बाद अस्पताल ने कोरोना के लिए डेडिकेटेड अस्पताल न होने का हवाला देकर उन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने को कहा.

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घरवालों का कहना है कि उन्हें दिल्ली सरकार के एप में बेड की उपलब्धता को देखकर कई सरकारी और निजी अस्पतालों में सम्पर्क किया, लेकिन कहीं पर उन्हें बेड नहीं मिल पाया. राजीव गांधी, मैक्स, एम्स, गंगाराम,एलएनजेपी, जीटीबी, आरएमएल, अपोलो ने भी बेड उपलब्ध न होने का हवाला देकर एडमिट करने से के इंकार कर दिया. इसके बाद मोती राम के पोते अनिकेत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को ईमेल भेजा और खुद ट्विटर पर अपील की. केंद्र और दिल्ली सरकार की हेल्पलाइन से सम्पर्क किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई.

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इसके बाद उन्होंने थक हारकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कोर्ट से मांग है कि वो किसी सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर की सुविधा के साथ बेड उपलब्ध कराए. लेकिन 5 जून को मामला सुनवाई पर हाने से पहले ही उनकी मौत हो गई. उनके वकील आरपीएस भाटी का कहना है कि उन्होंने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को मोतीराम गोयल की मौत की जानकारी दी तो जस्टिस नवीन चावला ने कहा कि कोर्ट में ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि मेडिकल इमरजेंसी वाले केस में उसी दिन सुनवाई कर ली जाए.

यह वीडियो देखें: 

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