logo-image

देश में कोरोना के मरीजों की संख्या 26 हजार के पार, कुछ राज्यों में दी गई ढील

महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित अन्य स्थानों से कोविड-19 (Covid-19) के नये मामले आने के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 26 हजार के पार पहुंच गई है.

Updated on: 26 Apr 2020, 12:30 AM

दिल्ली:

महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित अन्य स्थानों से कोविड-19 (Covid-19) के नये मामले आने के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 26 हजार के पार पहुंच गई है. वहीं, सरकार (Modi Government) ने कहा है कि नये मामलों की प्रतिदिन वृद्धि दर गिरकर छह प्रतिशत तक रह गई है. इस बीच, कुछ राज्यों ने और अधिक दुकानों के खुलने की अनुमति देकर लॉकडाउन की शर्तों में ढील देने की शुरुआत कर दी है.

शनिवार को कोरोना से 56 लोगों की गई जान

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक शुक्रवार शाम से शनिवार शाम तक कोरोना वायरस संक्रमण से 56 लोगों की मौत हुई है, जो अब तक इस अवधि (24 घंटे) में हुई सबसे अधिक मौतें हैं. इन मौतों के साथ कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या कम से कम 779 हो गई है. हालांकि, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त जानकारी के आधार पर ‘‘पीटीआई-भाषा’’ द्वारा तैयार आंकड़ों के मुताबिक देश में शनिवार रात दस बजे तक 824 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई है जबकि कुल 26,194 लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

यह भी पढ़ेंःराजस्थान: कोटा में छात्रा ने पंखे से लटककर दी जान, सुसाइड नोट में लिखा- ... इसलिए की सुसाइड

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शाम पांच बजे तक के अपने अपडेट में कहा कि संक्रमण के अब तक 24,942 मामले सामने आए हैं और 5,200 से अधिक लोग ठीक हो चुके हैं. इस प्रकार मरीजों के संक्रमण मुक्त होने की दर 20 प्रतिशत से अधिक है. मंत्रालय ने बताया कि रोजाना संक्रमितों की संख्या बढ़ने की दर गिरकर छह प्रतिशत पर आ गई है जो देश में 100 मामले आने के बाद सबसे कम है. देश में अब तक 5.8 लाख जांच हुई हैं. राजस्थान सहित कुछ राज्यों की आपत्ति के बाद केंद्र सरकार ने चीन की दो कंपनियों से मंगाई गईं त्वरित जांच किट के उपयोग पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है.

ये किट त्रुटिपूर्ण हैं और गलत परिणाम दे रही हैं, राज्यों ने कहा

राज्यों ने कहा था कि ये किट त्रुटिपूर्ण हैं और गलत परिणाम दे रही हैं. वहीं, दिल्ली सरकार ने कहा कि उसे और अधिक लोगों पर प्लाज्मा पद्धति परीक्षण के उत्साहजनक परिणाम दिखे हैं. कर्नाटक ने भी शनिवार को प्लाज्मा पद्धति परीक्षण की शुरुआत कर दी. वहीं राजस्थान ने कहा कि वह पहले ही इस तरह का प्रशिक्षण कर रही है. शुक्रवार देर रात, केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुपालन में कुछ राज्यों ने कहा कि वे वस्त्र, मोबाइल फोन, हार्डवेयर और कॉपी-किताब की दुकानों सहित अन्य चीजों की दुकानें खोलने के लिए कदम उठा रहे हैं.

हालांकि, यह छूट बड़े बाजारों, शॉपिंग मॉल, कोविड-19 के ‘हॉटस्पॉट’ तथा निषिद्ध क्षेत्रों में स्थित दुकानों के लिए नहीं होगी. ग्रामीण क्षेत्रों में शापिंग मॉल में स्थित दुकानों को छोड़कर सभी दुकानों को खुलने की अनुमति दी गई है. सिगरेट और शराब की दुकानें हर जगह बंद रहेंगी, चाहे वे कहीं भी हों. ई वाणिज्य मंचों (ई कॉमर्स साइटों) के जरिए गैर-आवश्यक वस्तुओं की बिक्री पर रोक जारी रहेगी.

यह भी पढ़ेंःउद्धव सरकार का बड़ा फैसला- महाराष्ट्र में तीन मई तक लॉकडाउन के नियमों में कोई बदलाव नहीं, क्योंकि...

दिल्ली सरकार ने कहा कि वह दुकानें खोलने से संबंधित केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश का राष्ट्रीय राजधानी में क्रियान्वयन करेगी, लेकिन महाराष्ट्र ने तत्काल कोई ढील देने से इनकार किया है और कहा कि लॉकडाउन से संबंधित दिशा-निर्देशों में तीन मई तक कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. गुजरात ने कहा कि वह निर्देश का पालन करेगा, वहीं असम ने कहा कि दुकानें खोलने को लेकर सोमवार को निर्णय किया जाएगा.

दिल्ली में मरीजों की संख्या हुई 2,625

हरियाणा और नगालैंड ने भी कहा कि वे पाबंदियों में ढील को लागू करेंगे. दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमण के 111 नये मामले आने के साथ राष्ट्रीय राजधानी में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,625 तक पहुंच गई है. इस बीच दिल्ली सरकार के कोविड-19 समिति में शामिल शीर्ष अधिकारी ने सुझाव दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी में लॉकडाउन मई के मध्य तक जारी रखना चाहिए ताकि संक्रमण को नियंत्रित किया जा सके. देश में 25 मार्च से लॉकडाउन लागू है, जो पहले 14 अप्रैल को खत्म होने वाला था, लेकिन इसे तीन मई तक बढ़ा दिया गया था.

यह भी पढ़ेंःमोदी सरकार का बड़ा फैसला- विदेश में कोरोना वायरस से मरने वाले भारतीयों के शव वापस लाए जाएंगे, लेकिन...

27 अप्रैल को पीएम मोदी करेंगे मुख्यमंत्रियों से संवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 27 अप्रैल (सोमवार) को विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद करने का कार्यक्रम है जिसमें लॉकडाउन और उसके बाद कोविड-19 के हालात पर स्थिति स्पष्ट होगी. इससे पहले रविवार को मोदी के रेडियो कार्यक्रम ‘‘ मन की बात’’ का प्रसारण होना है. महाराष्ट्र में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 7,628 तक पहुंच गई है जबकि दूसरे स्थान पर तीन हजार से अधिक मामलों के साथ गुजरात है. राजस्थान में दो हजार से अधिक मामले सामने आए हैं जबकि मध्य प्रदेश भी इस आंकड़े के करीब है. मध्य प्रदेश में कोविड-19 मरीजों की संख्या 1,900 के आंकड़े को पार कर गई है जबकि तमिलनाडु में यह आंकडा 1,800 के पार है.

उत्तर प्रदेश भी संक्रमितों के मामले में तमिलनाडु के करीब है. आंध्र प्रदेश में कोरोना वायरस से लड़ रहे स्वास्थ्य कर्मी भी नये संक्रमितों में शामिल हैं और राज्य में कोविड-19 मरीजों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई है. इस संक्रामक रोग से अब तक कुल 779 लोगों की मौत हुई है जिनमें से सबसे अधिक 323 लोगों की मौत महाराष्ट्र में, गुजरात में 133, मध्य प्रदेश में 99, दिल्ली में 54, राजस्थान में 33, आंध्र प्रदेश में 31, उत्तर प्रदेश में 27 और तेलंगाना में 25 लोगों की मौत हुई. उत्तर प्रदेश में शनिवार को कोविड-19 के 177 नये मामले मामले सामने आए और दो लोगों की मौत हुई जिसके मद्देनजर सरकार ने 30 जून तक सभी तरह की सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगा दी है.

यह भी पढ़ेंःदिल्ली में मई मध्य तक बढ़ाया जा सकता है लॉकडाउन, कोविड-19 समिति अध्यक्ष ने दिया ये सुझाव

पश्चिम बंगाल की ओर से जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक राज्य में 38 नये मामले सामने आए हैं जिसके साथ राज्य में कुल कोविड-19 मरीजों की संख्या 541 हो गई है जिनमें से कम से कम 18 लोगों की मौत हुई है. केंद्र सरकार ने जमीनी हालात का आकलन करने के लिए गुजरात, तमिलनाडु और तेलंगाना में विशेष टीम भेजी थी लेकिन पश्चिम बंगाल में इस मामले को लेकर राजनीतिक तनातनी जारी है. इस बीच, पश्चिम बंगाल के दौरे पर गई टीम ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार उसका सहयोग नहीं कर रही है. वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने इसे ‘‘भारत की सबसे असंवेदनशील टीम’’ करार दिया और आरोप लगाया कि यह ‘‘बेशर्मी से’’ राजनीतिक वायरस फैलाने का प्रयास कर रही है.

वहीं,राजनीतिक मोर्चे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र की मदद के लिए के लिए तत्काल कदम उठाने और वेतन सुरक्षा के लिए एक लाख करोड़ का पैकेज देने की मांग की.उन्होंने कहा कि यह नौकरियों को सुरक्षित रखने और हौसला बढ़ाने में मददगार होगा तथा इससे आर्थिक नुकसान की धारणा को भी खत्म किया जा सकेगा.