कोरोना प्रबंधन : प्रधानमंत्री का 6 से 14 अप्रैल तक विशेष अभियान चलाने पर जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खतरे को कम करने के लिए जनभागीदारी पर जोर देते हुए इस दिशा में जनांदोलन की जरूरत बताई.
highlights
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कोविड-19 को लेकर बैठक की
- महामारी के प्रबंधन और टीकाकरण अभियान की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की
- 6 से 14 अप्रैल के बीच साफ-सफाई और विशेष जागरूकता अभियान जोर दिया
नई दिल्ली :
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कोविड-19 महामारी के प्रबंधन और टीकाकरण अभियान की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में 6 से 14 अप्रैल के बीच साफ-सफाई और कोविड उपयुक्त व्यवहार को लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया. प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के सर्वाधिक खतरे का सामना कर रहे महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में विशेषज्ञों की टीमें भेजने का भी निर्देश दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के खतरे को कम करने के लिए जनभागीदारी पर जोर देते हुए इस दिशा में जनांदोलन की जरूरत बताई. उन्होंने कहा कि टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीटमेंट, कोविड उपयुक्त व्यवहार और टीकाकरण की पंच-कोणीय रणनीति का गंभीरता से क्रियान्वयन करने पर महामारी का खतरा कम होगा.
प्रधनमंत्री मोदी ने कहा, "100 प्रतिशत मास्क का उपयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता तथा सार्वजनिक स्थानों और कार्यस्थलों पर सफाई एवं स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर देने के साथ कोविड उपयुक्त व्यवहार के लिए 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक एक विशेष अभियान चलाया जाए."
प्रधानमंत्री ने आने वाले दिनों में कोविड उपयुक्त व्यवहार लागू करने और बेडों की उपलब्धता, जांच सुविधाओं और समय पर अस्पताल में भर्ती करने आदि सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया. स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को बढ़ाने, आवश्यक लॉजिस्टिक के साथ ऑक्सीजन, वेंटिलेटरों की उपलब्धता के माध्यम से सभी परिस्थितियों में मृत्युदर की रोकथाम करने और यह सुनिश्चित करने कि अस्पतालों में भर्ती सभी लोगों और जो होमकेयर में हैं, उनके लिए भी क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल की व्यवस्था की जाए, पर ध्यान देने की अपील की.
प्रधानमंत्री ने उच्च सक्रिय मामलों तथा मौतों को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की केंद्रीय टीमें महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में भेजने का निर्देश दिया. इस दौरान अफसरों ने प्रजेंटेशन भी दिया, जिससे पता चला कि देश में कोविड-19 मामलों तथा मौतों में वृद्धि की खतरनाक दर है. 10 राज्यों की 91 प्रतिशत से अधिक मामले और मौतों में भागीदारी है. महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में स्थिति बेहद गंभीर मिली.
इस उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, फार्मास्युटिकल, जैव प्रौद्योगिकी के सचिव, आयुष सचिव, आईसीएमआर के महानिदेशक और भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार और नीति आयोग के सदस्य मौजूद रहे.
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