Corona Infection: दिल्ली उम्मीद जगा रही, तो मुंबई-इंदौर रहे हैं डरा
राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमित लोगों का ठीक होने का औसत 19 फीसदी के लगभग है. यह अलग बात है कि मुंबई, इंदौर, जयपुर समेत पांच महानगरों में कोरोना वायरस (Corona virus) से संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर कम और मरने की दर अधिक है.
highlights
- राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमित लोगों का ठीक होने का औसत 19 फीसदी.
- मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर और जयपुर में मरीजों के ठीक होने की दर कम.
- ठीक होने वाले मरीजों के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन दिल्ली का.
नई दिल्ली:
एक तरफ देश के कई शहरों से कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच ठीक होने वाले लोगों (Recovery Rate) की संख्या भी उम्मीदों का संचार कर रही है. यह अलग बात है कि कुछ प्रदेशों में संक्रमण का स्तर और स्वस्थ होने वाले रोगियों की संख्या डरा रही है. अगर आंकड़ों की बात करें तो राष्ट्रीय स्तर पर कोरोना संक्रमित लोगों का ठीक होने का औसत 19 फीसदी के लगभग है. यह अलग बात है कि मुंबई, इंदौर, जयपुर समेत पांच महानगरों में कोरोना वायरस (Corona virus) से संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर कम और मरने की दर अधिक है. यह आंकड़ा केंद्र सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गया है. इन इलाकों में कोरोना संक्रमण के मामले और वायरस से मरने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
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दोगुने हो गए कंटेनमेंट जोन
यही नहीं, संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इन महानगरों ने वायरस की रोकथाम के लिए पिछले 10 दिनों में कंटेनमेंट जोन (Containment Zone) की संख्या भी लगभग दोगुनी कर युद्धस्तर पर टेस्टिंग शुरू कर दी गई है. इसके बावजूद कोई खास अंतर देखने में नहीं आया है. राष्ट्रीय स्तर पर रिकवरी रेट (Recovery rate) 19 फीसदी से अधिक है. हालांकि मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर और जयपुर में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर कम है. जयपुर और इंदौर में रिकवरी रेट 8 फीसदी से कम है, जबकि अहमदाबाद 10 पर्सेंट है. वहीं, मुंबई में रिकवरी रेट 13 पर्सेंट है जहां संक्रमण के सबसे अधिक मामले हैं और यह महानगर वायरस से मरने वाले मरीजों की संख्या के मामले में भी सबसे आगे है.
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दिल्ली का रिकवरी रेट 28 फीसदी
संक्रमित होने और ठीक होने वाले मरीजों के मामले में सबसे अच्छा प्रदर्शन दिल्ली का है जहां रिकवरी रेट 28 फीसदी है. पुणे, इंदौर, अहमदाबाद और मुंबई में मृत्युदर राष्ट्रीय औसत से अधिक है. इसका एक मतलब यह भी निकलता है कि किसी शहर में मृत्युदर अधिक और ठीक होने की दर कम होने का मतलब हो सकता है कि वहां संक्रमित मरीजों का पता देर से लग रहा है. इससे संक्रमण गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है. इसका नतीजा होता है कि मरीज को ठीक होने में ज्यादा वक्त लगता है या उसकी मौत हो जाती है.
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इंदौर जयपुर में मृत्युदर सबसे कम
इंदौर ने पिछले दस दिनों में कंटेनमेंट जोन की संख्या दोगुना कर 170 से अधिक तक पहुंचा दिया है. जयपुर ने सबसे अधिक प्रभावित रामगंज क्षेत्र में कंटेनमेंट के लिए 30 क्लस्टर्स की पहचान की है जहां से जयपुर के कुल 723 मामलों में से 497 आए हैं. अहमदाबाद ने ऐसे 130 क्लस्टर्स की पहचान की है. पूरे पुणे शहर को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है. वहीं 21 अप्रैल तक दिल्ली में ऐसे जोन की संख्या बढ़कर 87 हो गई जो 12 अप्रैल तक 43 तक सीमित थे. सकार की मंशा कंटेनमेंट जोन और टेस्टिंग की संख्या बढ़ाकर 3 मई तक जितना अधिक हो सके, उतना कोरोना के सक्रिय मामलों को कम करने की है.
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