COVID-19: देश में Lock Down के चलते 'फलों के राजा' आम को भी कोरोना का रोना, पढ़ें पूरी खबर

अगर हम दक्षिण भारत की बात करें तो इस बार वहां पर आम का सीजन खत्म होने को है लेकिन अभी भी बाजार में अभी भी दक्षिण भारत के आमों की खेप नहीं पहुंची.

अगर हम दक्षिण भारत की बात करें तो इस बार वहां पर आम का सीजन खत्म होने को है लेकिन अभी भी बाजार में अभी भी दक्षिण भारत के आमों की खेप नहीं पहुंची.

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Ravindra Singh
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प्रतीकात्मक फोटो

आम( Photo Credit : फाइल)

गर्मियों की शुरुआत मार्च से हो जाती है और शुरुआत होती है आम के फलों के बाजारों में आने की. अप्रैल का महीना खत्म होते-होते आम के फसल का अनुमान हो जाता है कि इस बार कितनी पैदावार होगी. 25 अप्रैल आ गया है लेकिन अभी भी बाजारों से आम लगभग गायब ही दिखाई दे रहे हैं. जब इस बारे में पड़ताल की गई तो पता चला कि आम के व्यापारियों और किसानों ने बताया कि इस बार कोरोनावायरस (Corona Virus) की वजह से आम की फसल को भारी नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है. अगर हम दक्षिण भारत की बात करें तो इस बार वहां पर आम का सीजन खत्म होने को है लेकिन अभी भी बाजार में अभी भी दक्षिण भारत के आमों की खेप नहीं पहुंची.

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वजह यहीं से साफ थी कि यहां के किसानों को इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से आम की फसलों में काफी नुकसान उठाना पड़ा है. दक्षिण भारत के किसान तो नुकसान उठा चुके हैं, जबकि उत्तर भारत के आमों का सीजन अभी शुरुआती दौर में है, लेकिन जिस तरह बाजार में बंदी बनी हुई है, यहां के किसानों को भी काफी नुकसान होने की आशंका है. उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद, माल और रहीमाबाद में बिजली आपूर्ति ठीक ना होने से बागों की सिंचाई में दिक्कत संग मजदूरों की घर वापसी के कारण बागों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

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दुनिया में मशहूर पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित कलीम उल्ला खां ने मीडिया से बातचीत में कि बताया कि कोरोना की मार से जनता के साथ-साथ फलों पर भी परेशानी दिखाई दे रही है. आपको बता दें कि कलीम उल्ला खान को मैंगोमैन के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने बताया कि हम तीन भाइयों के पास 20 एकड़ में फैला आम का बाग है लेकिन लॉकडाउन की वजह से न तो मजदूर सिंचाई कर पा रहे हैं और न ही उनपर दवा का छिड़काव हो पा रहा है, जिसकी वजह से हम चुपचाप बैठकर अपना नुकसान होता देख रहे हैं.

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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद मैंगो बेल्ट ही नहीं बल्कि पूरे यूपी की सभी मैंगो बेल्ट पर भी कोरोना का काला साया मंडरा रहा है. मैंगो ग्रोवर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष इंसराम अली ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, यूपी में 15 मैंगो बेल्ट हैं, जिसमें बाराबंकी, उन्नाव, मलिहाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर, मेरठ, हरदोई समेत कई अन्य बेल्ट शामिल हैं. यूपी की इन 15 मैंगों बेल्ट्स में 45 लाख टन आम का उत्पादन होता है.

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