करतारपुर साहिब पर कोरोना का असर, 16 मार्च से अगले आदेश तक बंद

कोरोना वायरस के कारण देशभर के विभिन्न राज्यों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. भीड़ भाड़ी वाली जगहों पर लोगों को न जाने की सलाह दी जा रही है. अब कोरोना का असर करतारपुर साहित पर भी पड़ा है. कोरोना के असर को देखते हुए गृहमंत्रालय ने 16 मार्च से करतारपुर की यात्रा और रजिस्ट्रेशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

कोरोना वायरस के कारण देशभर के विभिन्न राज्यों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. भीड़ भाड़ी वाली जगहों पर लोगों को न जाने की सलाह दी जा रही है. अब कोरोना का असर करतारपुर साहित पर भी पड़ा है. कोरोना के असर को देखते हुए गृहमंत्रालय ने 16 मार्च से करतारपुर की यात्रा और रजिस्ट्रेशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.

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Kuldeep Singh
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करतारपुर साहिब( Photo Credit : फोटो)

कोरोना वायरस के कारण देशभर के विभिन्न राज्यों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. भीड़ भाड़ी वाली जगहों पर लोगों को न जाने की सलाह दी जा रही है. अब कोरोना का असर करतारपुर साहित पर भी पड़ा है. कोरोना के असर को देखते हुए गृहमंत्रालय ने 16 मार्च से करतारपुर की यात्रा और रजिस्ट्रेशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है. पिछले साल 9 नवंबर को करतारपुर साहिब कॉरीडोर का उद्घाटन किया गया था. 

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करतारपुर गलियारा खुलने के बाद पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे को करतारपुर में स्थित दरबार साहिब से जोड़ दिया गया है. इस गलियारे से भारतीय सिख यात्री बिना वीजा के सिर्फ परमिट लेकर करतारपुर साहिब जा सकते हैं. इसकी स्थापना 1522 में सिख पंथ के संस्थापक गुरु नानक देव ने की थी.

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करतारपुर वो स्थान है, जहां सिखों के पहले गुरू श्री गुरुनानक देव जी ने अपने जीवन के आखिरी 17-18 वर्ष गुजारे थे और सिख समुदाय को एकजुट किया था. करतारपुर में जिस जगह गुरुनानक देव की मृत्यु हुई थी वहां पर गुरुद्वारा बनाया गया था. यह गुरुद्वारा शकरगढ़ तहसील के कोटी पिंड में रावी नदी के पश्चिम में स्थित है. गुरुद्वारा सफेद रंग के पत्थरों से निर्मित है, जो देखने में बेहद ही खूबसूरत नजर आता है.

Source : News Nation Bureau

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