कोरोना महामारी ने न्याय के रास्ते में कई मुश्किलें पैदा की, बोले चीफ जस्टिस

चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए समानता का सिद्धांत दिया. लेकिन अगर समाज का वंचित तबका अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाता तो समान न्याय का ये सिद्धांत बेमतलब रह जायेगा. 

चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए समानता का सिद्धांत दिया. लेकिन अगर समाज का वंचित तबका अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाता तो समान न्याय का ये सिद्धांत बेमतलब रह जायेगा. 

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nitu pandey
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Chief Justice of india

Chief Justice NV ramana( Photo Credit : File Photo )

राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के एक कार्यक्रम में कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि समाज के वंचित तबके के लिए न्याय का सफर कई बाधाओं के चलते चुनौती भरा है. क़ानून की जानकारी का अभाव सबसे बड़ी बाधा है.  ऐसे में NALSA की क़ानूनी सहायता, जागरूकता के लिए अभियान समाज के वंचित तबके के लिए बड़ी मदद साबित हो सकते है. उन्होंने आगे कहा कि  कोरोना महामारी के दौरान करीब 90 लाख लोगों को खाना, राशन, मेडिकल सुविधाएं NALSA के जरिए पहुंचाई गई है.  लोक अदालतों के जरिए बड़ी संख्या में लोगों को न्याय मिला है.

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इस कार्यक्रम में चीफ जस्टिस एन वी रमना ने भी शिरकत की. उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान निर्माताओं ने लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए समानता का सिद्धांत दिया. लेकिन अगर समाज का वंचित तबका अपने अधिकार का इस्तेमाल नहीं कर पाता तो समान न्याय का ये सिद्धांत बेमतलब रह जायेगा. 

क़ानून सबके लिए है ये एहसास दिलाना जरूरी

चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि समानता और न्याय तक पहुंच एक दूसरे के पूरक है. इस देश में लोगों को ये एहसास दिलाया जाना जरूरी है कि क़ानून सबके लिए है. एक लोकतांत्रिक देश में लोगों का ये विश्वास ही संवैधानिक संस्थाओं को मजबूती देता है. हमारी पूरी कोशिश इस विश्वास को जगाने की होनी चाहिए  लोकतंत्र की क्वालिटी न्याय की क्वालिटी पर निर्भर करती है. 

लोकतंत्र के लिए एक विविध,मज़बूत न्यायपालिका ज़रूरी

एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक विविध,मज़बूत न्यायपालिका ज़रूरी है . कोरोना महामारी ने न्याय के रास्ते में कई मुश्किलें पैदा की है. मसलन विभिन्न फोरम में बड़ी संख्या में लंबित केस,खाली पड़े पद, ग्रामीण इलाकों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा न होना. ये सब नई चुनौतिया उभर कर सामने आई है. कार्यक्रम में इसकी जानकारी चीफ जस्टिस रमना ने दी. 

106 HC के जजो और 9 HC के चीफ जस्टिस की सिफारिश सरकार को भेजी गई है

उन्होंने आगे कहा कि मई के बाद से ही SC कॉलेजियम ने 106 HC के जजो और 9 HC के चीफ जस्टिस की सिफारिश सरकार को भेजी है. इनमे से कुछ नाम सरकार ने क्लियर कर दिए है. बाकी के लिए सरकार की ओर से आश्वस्त किया है कि उन्हें भी 2-3 दिन में क्लियर कर दिया जाएगा. मैं सरकार को इसके लिए धन्यवाद करता है. लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए और न्याय के सुलभ बनाने के लिए हमें सरकार का सहयोग चाहिए.

NALSA ने करोड़ों लोगों की मदद की है

25 साल के सफर में NALSA ने करोड़ों लोगों की मदद की है. आजादी के 75 वे साल में ये तीनों अंगों( न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका को) को चाहिए कि वो मिलकर काम करे ताकि असली आजादी के लक्ष्य को पाया जा सके.

HIGHLIGHTS

  • क़ानून की जानकारी का अभाव सबसे बड़ी बाधा न्याय के रास्ते में
  •  स्वस्थ लोकतंत्र के लिए एक विविध,मज़बूत न्यायपालिका ज़रूरी है
  • न्यायपालिका, विधायिका, कार्यपालिका को मिलकर काम करना होगा

Source : Arvind Singh

NALSA Chief Justice Of India Chief Justice NV ramana Corona Epidemic
      
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