logo-image

85% कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन-रेमडेसिविर की जरूरत नहीं : रणदीप गुलेरिया

इस बातचीत में मेदांता अस्पताल के चेयरमैन, डॉ. नरेश त्रेहान (Dr Naresh Trehan), मेडिसिन एम्स के प्रोफेसर और एचओडी डॉ. नवीन विग (Dr Naveet Wig), और डायरेक्टर जनरल स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुनील कुमार (Dr Sunil Kumar) शामिल हैं.

Updated on: 25 Apr 2021, 06:25 PM

highlights

  • कोरोना संक्रमण से फैली भ्रांतियों पर चर्चा 
  • चर्चा में देश के कई दिग्गज डक्टर शामिल
  • पैनिक न फैलाएं स्थितियां अभी बहुत ज्यादा नहीं बिगड़ी हैं

नयी दिल्ली:

देश में कोरोना वायरस संक्रमण (Corona Virus Infection) ने हाहाकार मचा रखा है.  इस बीच देश के वरिष्ठ और टॉप डॉक्टरों ने एक बार फिर से कोविड से संबंधित मुद्दों पर सावधानी की बातें बता रहे हैं. आपको बता दें कि इस बातचीत में दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) सहित देश के चार बड़े डॉक्टर शामिल हैं. इस बातचीत में मेदांता अस्पताल के चेयरमैन, डॉ. नरेश त्रेहान (Dr Naresh Trehan), मेडिसिन एम्स के प्रोफेसर और एचओडी डॉ. नवीन विग (Dr Naveet Wig), और डायरेक्टर जनरल स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. सुनील कुमार (Dr Sunil Kumar) शामिल हैं. इस बाचतीच का उद्देश्य है लोगों को कोरोना संक्रमण के बारे जागरुक करना और कोरोना पर फैली भ्रांतियों को दूर करना. 

सोशल मीडया प्लेटफॉर्म पर जारी इस बातचीत के दौरान एम्स के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने बताया कि देश में फैल रहे कोरोना संक्रमण की मौजूदा स्थिति से देश की जनता पैनिक है. उन्होंने बताया कि जनता ने इस पैनिक की वजह से घरों में ही इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलेंडर रखने शुरू कर दिए हैं. यही वजह कि इंजेक्शन और गैस सिलेंडर की कमी पड़ती जा रही है. उन्होंने आगे बताया कि कोरोना का संक्रमण आम संक्रमण की तरह ही है इसमें 85 फीसदी से 90 फीसदी तक लोगों में आम बुखार या जुखाम की तरह ही होता है ऐसे लोगों को ऑक्सीजन या फिर रेमडेसिविर की जरूरत नहीं पड़ती है. 

यह भी पढ़ेंःदिल्‍लीः कोरोना ने मचाया हाहाकार, श्‍मशान में नहीं जगह पार्क में हो रहा अंतिम संस्कार

ऐसे लोगों को रेमडेसिविर की जरूरत नहीं
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इस बातचीत में आगे बताया कि कोरोना संक्रमण से पीड़ित जो मरीज अपने घरों में आइसोलेट हैं और जिनका ऑक्सीजन लेवल 94 से ज्यादा है उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि अगर आम रेमडेसिविर लेते हैं तो उससे आपको फायदा होने से ज्यादा नुकसान हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि लोगों ने घबराहट में रेमडेसिविर इंजेक्शन की होल्डिंग शुरू कर दी है, जिसके चलते इसकी कमी हो गई है. इसकी कालाबाजारी भी होने लगी है. उन्होंने कहा कि कुछ ने ऑक्सीजन की होल्डिंग भी शुरू कर दी है. ये बहुत ही गलत बात है.

यह भी पढ़ेंःपाकिस्तान के पीएम ने कोविड मामलों की लहर देख सेना से मदद मांगी

रेमडेसिविर कोई मैजिक इंजेक्शन नहींः डॉ त्रेहान
इस बातचीत में मेदांता अस्पताल के चेयरमैन ने बताया कि रेमडेसिविर कोई मैजिक नहीं कर देगा. ये कोई जादुई इंजेक्शन नहीं है. जब मरीज का ऑक्सीजन सेचुरेशन 95 -97 हो तो ऑक्सीजन की भी कोई जरुरत नहीं होती है. एकदम से किसी भी मरीज को ऑक्सीजन न लगाएं, नहीं तो उसे और भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. हल्के लक्षण के साथ कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर भी अगर घर में ही अच्छे से घर में देखभाल की जाए, तो मरीज होम आइसोलेशन में भी उचित समय पर ठीक हो सकते हैं.