देश में कोरोना के 37 हजार नए मामले, 587 लोगों की मौत
देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 37 हजार 148 नए मामले सामने आए हैं जबकि 587 लोगों की मौत हो गई है
नई दिल्ली:
देश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले 24 घंटों में कोरोना के 37 हजार 148 नए मामले सामने आए हैं जबकि 587 लोगों की मौत हो गई है. इसी के साथ दे में कोरोना का कुल आंकड़ा अब 11,55,191 पहुंच गया है, इसमें 4, 02, 529 एक्टिव मामले हैं जबकि 7, 24 578 लोग ठीक हो चुके हैं. इसके अलावा 28084 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
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Spike of 37,148 cases and 587 deaths reported in India in the last 24 hours.
— ANI (@ANI) July 21, 2020
Total #COVID19 positive cases stand at 11,55,191 including 4,02,529 active cases, 7,24,578 cured/discharged/migrated and 28084 deaths: Ministry of Health and Family Welfare pic.twitter.com/iuKN63EYtV
बता दें, कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में कहर मचा रखा है. कुछ देशों में इसका असर पहले के काफी कम हो गया है तो वहीं कुछ देशों में यह अभी भी जानलेवा बना हुआ है. अब एक नई जानकारी सामने आई है कि कोरोना वायरस का एक और लक्षण सामने आया है. इसकी अब तक पहचान नहीं हो पाई थी. कोरोना के ताजे लक्षणों में शामिल हुआ है मुंह में रैशेज़ होना. भारत में आईसीएमआर (ICMR) ने आधिकारिक तौर पर इसे तय लक्षणों में शामिल नहीं किया है.
दरअसल कोविड-19 (Covid-19) और सामान्य फ्लू के बीच अंतर करना मुश्किल होता जा रहा है. कोरोना वायरस में भी आम फ्लू की तरह बुखार, सूखी, खांसी और सांस लेने में दिक्कत आदि हैं. वहीं कोरोना के हाल में सामने आए लक्षणों में सर्दी लगना, किसी भी चीज की स्मेल न आना या फिर मुंह में किसी चीज का स्वाद न लगना भी सामने आया.
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नया लक्षण आया सामने
स्पेन के डॉक्टरों ने अभ ताजा जानकारी साझा करते हुए कहा कि मुंह में रैशेज होने को कोरोना वायरस के ताजे लक्षणों में शामिल किया गया है. इन डॉक्टरों का कहना है कि बीते कुछ दिनों में इनके पास ऐसे कई कोरोना मरीज पहुंचे हैं जिन्हें माउथ रैशेज की समस्या थी. इस समस्या चिकित्सीय भाषा में एनांथम (Enanthem) कहा जाता है. हाल ही में जामा डर्मेटोलॉजी में 15 जुलाई को प्रकाशित हुई इस स्टडी में बताया गया है कि बीते कुछ समय में जितने भी मरीज कोविड-19 से संक्रमित से पाए गए हैं उनमें से 21 मरीजों के स्किन रैशेज और 21 में से 6 मरीजो के माउथ रैशेज की समस्या थी.
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