दिल्ली में कोरोना के मामले बाहरी मरीजों के आने और कारोबार खुलने से बढ़े: विशेषज्ञ

विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों के बढ़ने की वजह इलाज करवाने के लिए दूसरे प्रदेशों से मरीजों का दिल्ली आना, अर्थव्यवस्था का फिर से खुलना तथा रैपिड एंटीजन जांच की संवेदनशीलता का कम होना हो सकते हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों के बढ़ने की वजह इलाज करवाने के लिए दूसरे प्रदेशों से मरीजों का दिल्ली आना, अर्थव्यवस्था का फिर से खुलना तथा रैपिड एंटीजन जांच की संवेदनशीलता का कम होना हो सकते हैं.

author-image
Yogendra Mishra
New Update
covid 19

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों के बढ़ने की वजह इलाज करवाने के लिए दूसरे प्रदेशों से मरीजों का दिल्ली आना, अर्थव्यवस्था का फिर से खुलना तथा रैपिड एंटीजन जांच की संवेदनशीलता का कम होना हो सकते हैं. जून महीने की शुरुआत में संक्रमित मामलों की दर 30 फीसदी थी जो जुलाई के अंत तक कम होकर छह फीसदी से कम रह गई.

Advertisment

मामले भी घटना शुरू हो चुके थे लेकिन बीते एक हफ्ते में मामले फिर बढ़ने लगे. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक संक्रमितों की दर 8.9 फीसदी है जिससे विशेषज्ञों के माथे पर बल पड़ गए हैं. रविवार को दिल्ली में अगस्त माह के सर्वाधिक 1,450 मामले सामने आए थे.

एक अगस्त से यहां कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या घट-बढ़ रही है. एक अगस्त को दिल्ली में 1,118 नए मामले आए जबकि अगले तीन दिन तक प्रतिदिन नए मामलों की संख्या एक हजार से कम रही. इसके बाद पांच से नौ अगस्त के बीच कोविड-19 के मामले एक हजार से अधिक रहे.

हालांकि दस अगस्त को 707 मामले सामने आए. संयोग से दिल्ली में जब-जब संक्रमण के नए मामले एक हजार से कम रहे, तब औसत दैनिक 20,000 जांच से कम जांच हुई. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा कि लोगों ने काम पर जाना शुरू कर दिया है, ऐसे में मामले बढ़ने का अनुमान था.

उन्होंने कहा, ‘‘लगभग सब कुछ खुल रहा है...अगर नए मामलों की संख्या दो हजार से अधिक होती है तो यह चिंता का विषय है. बढ़ोतरी तो हुई है लेकिन हम इसे चिंता की बात नहीं कहेंगे क्योंकि रोग या तो मध्यम तीव्रता का है या फिर मरीज में लक्षण नहीं हैं. मृत्युदर भी नियंत्रण में है और यह हम सबके लिए राहत की बात है.

कुल मिलाकर लोग एहतियात बरत रहे हैं.’’ अपोलो हॉस्पिटल्स में श्वसन एवं गहन चिकित्सा औषधि के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. राजेश चावला ने कहा कि मामलों में वृद्धि की एक वजह यह भी है कि लोग इलाज करवाने के लिए बाहर से यहां आ रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘अपोलो में भर्ती 70 फीसदी मरीज दिल्ली के बाहर से हैं. मरीज बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दिल्ली आते हैं. उनके रिश्तेदार भी आते हैं जिनमें से कुछ संक्रमित भी होते हैं.’’ अमेरिका के सेंटर फॉर डायनामिक्स, इकोनॉमिक्स ऐंड पॉलिसी के निदेशक रमन्ना लक्ष्मीनारायण ने कहा कि दिल्ली में वास्तव में मामलों में कमी नहीं आई है.

संक्रमण के कम मामले सामने आए हैं क्योंकि जांच प्रक्रिया बदली है, रैपिड एंटीजन पद्धति कम संवेदनशील है जिसमें बड़ी संख्या में नतीजे गलत रूप से नकारात्मक आ रहे हैं. इसका मतलब यह है कि रैपिड एंटीजन जांच में व्यक्ति संक्रमण रहित पाया गया लेकिन वास्तव में वह संक्रमित है.

Source : Bhasha

Delhi News covid-19 corona-virus
      
Advertisment